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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्कूल चलें हम अभियान से सभी वर्गों द्वारा जुड़ने की जरूरत बताई। प्रदेश के सभी बच्चे स्कूल जाएं और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसके लिए अभियान से सामाजिक कार्यकर्ताओं, कलाकारों, खिलाड़ियों, उद्योगपतियों, सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों को जुड़ना चाहिए। ऐसा कर हम अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने आज अपने एक संदेश में यह बात कही।स्कूल चलें हम अभियान-2023-24 में जनसहभागिता के लिए 17 से 19 जुलाई तक तीन दिवसीय "भविष्य से भेंट" कार्यक्रम हो रहा है। एजुकेशन पोर्टल www.educationportal.mp.gov.in के माध्यम से पंजीयन करवाने और इन दिनों में से किसी एक दिन बच्चों के बीच स्कूल जाने के लिए शिक्षा विभाग ने पहल की है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्कूल जाकर बच्चों को एक पीरियड पढ़ाने और उन्हें अपने अनुभव से अवगत करवाने की जरूरत है। स्कूल के पूर्व-विद्यार्थी यह सोचें कि आज जीवन में जहां भी पहुंचे हैं, उनका जीवन स्कूल ने संवारा है अतः स्कूल के प्रति अपना दायित्व निभाना चाहिए।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद स्कूलों में गतिविधि शुरू हुई है। सभी माता-पिता बच्चों को स्कूल भेंजे। कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित नहीं रहना चाहिए। हमें बच्चों से मित्रवत व्यवहार करना है। बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करना है। जो लोग जीवन में विशेष स्थान पर पहुंचे हैं, वे अपना पुराने विद्यालय एक बार जरूर जाएं। अन्य सभी पूर्व विद्यार्थी भी अपने बचपन के स्कूल में जाकर विभिन्न प्रकार से योगदान दे सकते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह आवश्यक नहीं है कि पुराने विद्यालय को योगदान का कार्य अर्थ के माध्यम से ही किया जाए, बल्कि अपने जीवन अनुभव विद्यार्थियों को बताए जा सकते हैं। किसी विषय का ज्ञान और नई जानकारियां साझा की जा सकती हैं। भावी नागरिकों को आवश्यक दिशा दी जा सकती है।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शासकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों को मध्यान्ह भोजन और पाठ्यपुस्तकों का नि:शुल्क प्रदाय किया जा रहा है। दो जोड़ी गणवेश देने के साथ ही पांचवीं और आठवीं पास कर छठवीं और नौंवी कक्षा में निर्धारित दूरी के शासकीय स्कूल में प्रवेश पर बेटा-बेटियों को नि:शुल्क सायकिल की सुविधा प्रदान की गई है। कक्षा बारहवीं में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर लेपटॉप के लिए राशि दी जा रही है। यही नहीं अपने विद्यालय में कक्षा बारहवीं में सबसे ज्यादा नम्बर प्राप्त करने पर ई-स्कूटी की सुविधा भी प्रारंभ की गई है। शिक्षा के क्षेत्र में यह सब सुविधाएँ देने का उद्देश्य विद्यार्थियों का जीवन संवारना है। किसी ग्राम, कस्बे और नगर में कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, इसके लिए हर नागरिक सजग रहे। यह हम सभी का सामाजिक और नैतिक दायित्व है।
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