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भोपाल। मध्य प्रदेश में आदिवासी अत्याचार के विरोध में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी आदिवासी स्वाभिमान यात्रा निकालने जा रही है। जिसका संयुक्त नेतृत्व मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया और मप्र आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रामू टेकाम करेंगे। रविवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक पत्रकार वार्ता कर युवक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने इसकी जानकारी दी।
विक्रांत भूरिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि आदिवासियों पर अत्याचार अब एक आम घटना की तरह बनकर रह गयी है। प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान जहां एक तरफ खुद को आदिवासी हितैषी होने का दंभ भरते हैं तो दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी के विधायक प्रतिनिधि एक आदिवासी पर पेशाब करने जैसे घृणित कृत्य को अंजाम देते हैं। ऐसा नहीं है कि सीधी की घटना कोई एक मात्र घटना हो, ठीक से देखें तो इसी हफ्ते में इंदौर में दो आदिवासी भाइयों को कमरे में बंद करके बेरहमी से पीटा गया। कुछ महीनों पहले ही महू में पुलिस की गोली से आदिवासी युवक ने अपनी जान गंवाई थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में लगातार जंगलराज बढ़ रहा है और यह सब सरकार की निगरानी में ही हो रहा है इसलिए कांग्रेस ने तय किया है कि अब वह सड़क पर उतरकर प्रदेश भर के आदिवासी भाई-बहनों के बीच जाएंगी और उनको इस बात से पुनः अवगत कराएंगे कि यह वही सरकार है जो आपको आदिवासी मानने से भी इनकार करती है और आपको वनवासी होने का तमगा देना चाहती है। यह वही सरकार है जो लागातर आदिवासी हितों के लिए बनाए गए ‘‘पैसा’’ कानून को कमज़ोर करने का प्रयत्न कर रही है।
विक्रांत भूरिया ने बताया कि हमने तय किया है कि हम सीधी से ‘आदिवासी स्वाभिमान यात्रा’ को प्रारंभ कर 17 जिलों से होते हुए प्रदेश के सभी वर्गों पर अत्याचारों को उजागर करते हुए प्रत्येक आदिवासी जन की आवाज़ बनेंगे और जनजागृति की इस यात्रा में एक बार फिर आदिवासी हितों को मजबूती देने का काम करेंगे। यात्रा कुल 20 दिन की होगी जिसमें एक दिवस का हॉल्ट 30 जुलाई को होगा, 17 जिले और 36 विधानसभा से हम ‘आदिवासी स्वाभिमान’ पर जनचर्चा करते हुए आगे बढ़ेंगे और इस यात्रा का समापन हम 7 अगस्त 2023 को झाबुआ में करेंगे।
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