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भाजपा में चुनावी साल में असंतोष के सुर बुलंद हो रहे हैं। देवास, सागर, कटनी के पूर्व विधायकों के बगावती तेवर के बाद नर्मदापुरम (होशंगाबाद) विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा के भाई पूर्व विधायक गिरजाशंकर शर्मा भी नई संभावना तलाश रहे हैं।पूर्व विधायक शर्मा रविवार को भोपाल में कमलनाथ के निवास पहुंचे। हालांकि, मुलाकात नहीं हुई। भाजपा को अब सीनियर नेताओं की जरूरत नहीं दिख रही है। यहां पर सब कंफर्टेबल नहीं हैं।उन्होंने कहा, संगठन में ऐसे पदाधिकारी काबिज हैं, जिनका कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद नहीं है। पार्टी एनजीओ के समान कार्य कर रही है, जो केवल अपना लक्ष्य पूरा करती है। पॉलिटिकल पार्टी चलाने की यह तरीके नहीं हैं। इससे कार्यकर्ताओं के बीच कम्युनिकेशन नहीं है।पूर्व विधायक ने कहा, कार्यक्रमों की सूचना भी सामान्य कार्यकर्ताओं के जैसे दी जाती है। कार्यक्रम में हम शामिल भी होते हैं तो एक शोभा की सुपारी के रूप में बैठने वाली स्थिति होती है। वरिष्ठों वाला कोई महत्व नहीं मिलता। ऐसी कोई मौका नहीं देते कि चर्चाओं में हमारी राय ली जाए। इन सब बातों को देखते हुए हम कांग्रेस में जाने का सोच रहे हैं। हालांकि, अभी निर्णय लिया नहीं है।
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