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सीधी के पेशाब कांड के बाद से लगातार आदिवासियों और दलितों के साथ मारपीट की घटनाएं सामने आ रही हैं। इन घटनाओं को लेकर आज पीसीसी चीफ कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह आदिवासी विधायकों के साथ राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मिले। कमलनाथ ने कांग्रेस पार्टी के करीब 22 आदिवासी विधायकों के साथ राज्यपाल को ज्ञापन दिया। इस दौरान पूर्व मंत्री उमंंग सिंघार, बाला बच्चन, कांतिलाल भूरिया, विधायक डॉ अशोक मर्सकोले, डॉ हीरा अलावा, हर्ष विजय गहलोत सहित तमाम आदिवासी विधायक मौजूद थे।कांग्रेस विधायकों ने अपने ज्ञापन में लिखा मध्यप्रदेश देश का ऐसा राज्य है, जहां सबसे बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के नागरिक निवास करते हैं। मध्यप्रदेश के समाज, संस्कृति, संस्कार और परम्पराओं में आदिवासी समुदाय का उललेखनीय योगदान है। आदिवासी समुदाय मध्यप्रदेश के सामाजिक जीवन का अभिन्न और अति महत्वपूर्ण अंग है । लेकिन, देखने में आ रहा हैं कि भारतीय जनता पार्टी की 18 साल की सरकार में आदिवासी समुदाय के ऊपर अत्याचार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है । भाजपा सरकार में आदिवासी उत्पीड़न के 30,000 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं, जबकि इससे बड़ी संख्या ऐसे मामलों की है जो प्रकाश में नहीं आ सके ।आपने देखा होगा कि हाल ही में प्रदेश के सीधी जिले में एक आदिवासी युवक के ऊपर पेशाब करने की घटना सामने आई । घटना का मुख्य आरोपी भाजपा नेता था और भाजपा विधायक का विधायक प्रतिनिधि था । उक्त घटना से पूरे देश में मध्यप्रदेश शर्मसार हुआ है। इसके पूर्व नीमच में आदिवासी युवक को गाड़ी से बांधकर घसीटकर हत्या करने का मामला पूरी दुनिया ने देखा । नेमावर में आदिवासी युवती और उसके परिवार के 5 लोगों को जिंदा गाड़ देने का भीषण कृत्य भी मध्यप्रदेश की माटी को देखना पड़ा ।
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