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नेताओं की चाय पर चर्चा तो आपने सुनी होगी। लेकिन यह कभी नहीं देखा होगा की कोई मंत्री अपने कॉलेज की कैंटीन अपनी पुरानी यादें ताजा करने गए हो। मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट शनिवार दोपहर को देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी पहुंचे। खास बात यह थी सिलावट यूनिवर्सिटी में किसी बैठक या कार्यक्रम में शामिल होने नहीं वरन कैंटीन में अपनी पुरानी स्टूडेंट लाइफ को ताजा करने पहुंचे थे। मंत्री सिलावट ने कैंटीन में ना सिर्फ समोसा खाया। साथ ही स्टूडेंट के साथ काफी देर तक बात कर कॉलेज के दिनों की छोटी-छोटी घटनाओं को याद कर बच्चों को खूब हंसाया भी।जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट जिस देवी अहिल्या युनिवर्सिटी में 1979 से 81 में छात्रसंघ अध्यक्ष रहे, उसी यूनिवर्सिटी में दोबारा पहुंचकर गदगद नजर आए। उन्होंने कहा कि सालों पहले यह कैंपस जितना सुंदर लगता था आज भी यह कैंपस उतना ही सुंदर है। अपने कॉलेज वापस लौट कर आने की खुशी शब्दों में बयान करना मुश्किल है।सिलावट ने 1982-83 का किस्सा भी सुनाया। सिलावट ने बताया कि दरअसल, एग्जाम देरी से होने के कारण उस समय बच्चों को मार्क शीट देरी से जारी हो रही थी। जिस कारण काफी बच्चे परेशान थे। हम इस मुद्दे को लेकर जब यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन करने गए तो यूनिवर्सिटी कैंपस में कुलपति से पहले तो तीखी बहस हुई। लेकिन उसके बाद कुलपति ने कर्मचारियों से कहा कि देखो यह तो यहां से काम कराए बिना जाएगा नहीं लेकिन मुझे तो भूख लग रही है इसलिए जल्दी से इसका मामला खत्म कर इसे रवाना करो। जिसके बाद सभी रूकी हुई मार्कशीट देर रात तक जारी हो गई। और उसके बाद कुलपति खाना खाने घर जा सके।
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