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भोपाल। मध्य प्रदेश का दमोह जिला इस्लाम व ईसाइयत से जुड़े बड़े मामले केे बाद एक बार फिर चर्चा में है। दमोह जिले में राशन बिक्रेता के आत्महत्या मामले मेें भाजपा पार्षद सहित चार लोगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने नाराजगी जताई है। केंद्रीय मंत्री पटेल ने दमोह पुलिस का बहिष्कार करते हुए गुरुवार से पुलिस की सेवाएं लेने से मना कर दिया है।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री का कहना है कि वे अपने सहयोगी भाजपा पार्षद यशपाल ठाकुर के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज होने से नाराज हैं। एक सेल्समैन की आत्महत्या के मामले में भाजपा पार्षद सहित चार लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। पटेल के अनुसार पुलिस ने सुसाइड नोट की बिना जांच किए मुकदमा दर्ज कर लिया । जिसके बाद पार्षद के वार्ड की बड़ी संख्या में जनता केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल से मिलने पहुंची थी। पटेल ने जनता को आश्वासन देते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली और जिला एसपी को भी इस पूरे मामले में कटघरे में खड़ा किया है।
इस संबंध में केंद्रीय मंत्री पटेल का कहना है कि यह दुखद है, एक नौजवान ने आत्महत्या की। मैंने पहले ही कहा था कि हमारी संवेदनाएं परिवार के साथ पूरी तरह से हैं, लेकिन जो लोग झूठे मुकदमे लगाकर या लगवाकर दबाव बनाना चाहते हैं, वे कान खोलकर सुन लें कि उनके मंसूबे पूरे नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि दमोह पुलिस ने जो किया, मुझे लगता है कि वह जल्दबाजी है। जब तक एक्सपर्ट से हैंडराइटिंग की जांच नहीं हो जाए, पुलिस को ऐसी कार्रवाई नहीं करना चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि मैं निजी तौर पर मानता हूं, यह बिल्कुल जल्दबाज़ी में किया गया फैसला है । मैं पुलिस अधीक्षक के खिलाफ और इस कार्रवाई के खिलाफ हूं। यशपाल हमारे कार्यकर्ता हैं और वे एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि हैं। एफआईआर में इनके अलावा भी अन्य नाम लिखे हुए हैं। मेरा भी नाम लिया गया, फिर तो मुझ पर भी मुकदमा लगना चाहिए। इसलिए मैं हर कीमत पर उनके साथ हूं ।
केंद्रीय मंत्री पटेल ने कहा कि इस मामले की बारीकी से जांच होनी चाहिए, लेकिन पुलिस की अत्यधिक जल्दबाजी सामने आई है। इसका मैं सख्त विरोध करता हूं और जब तक इन सब को न्याय नहीं मिलेगा, मैं दमोह पुलिस की कोई सेवाएं नहीं लूंगा। आज से ही मैं उनकी सेवा वापस करूंगा और मेरे निजी सुरक्षा के अलावा पुलिस का कोई भी कर्मचारी मेरे बंगले पर या मेरे साथ नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि सद्भावना प्राथमिक उपभोक्ता भंडार बडापुरा दमोह के राशन दुकानदार विक्की उर्फ विक्रम ने 22 जून को आत्महत्या कर ली थी। आरोप है कि राशन दुकान के चार्ज एवं राशन सामग्री को लेकर आरोपित मृतक को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। इस मामले में पुलिस ने घटना के पांच दिन बाद 28 जून को प्राथमिकी दर्ज की है। यह प्राथमिकी मृतक बिक्की उर्फ बिक्रम पिता डेलन रोहित उम्र 35 साल निवासी बजरिया बार्ड तीन की ओर से बार्ड ब्याय कृष्णा ने थाना कोतवाली दमोह में दर्ज कराई है। इसमें पार्षंद यशपाल ठाकुर, नरेन्द परिहार, मोन्टी रैकवार और नर्मदा सूर्यवंशी को आत्महत्या के इस मामले में आरोपित बनाया गया है।
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