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नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद अजय सिंह ने कहा कि घोटालेबाज सरकार से उनकी आरपार की लड़ाई होगी । बीजेपी सरकार में घोटालों पर घोटाले हो रहे हैं, जनता को सरकार गुमराह कर रही है। भ्रष्टाचार के बिना काम नहीं हो रहा है। इसलिए सरकार के खिलाफ मुद्दे तो काफी हैं। गवर्नेंस का पूरा सिस्टम खत्म हो चुका है। विधायकों की बैठक कर रणनीति बनाएंगे। फिर प्राथमिकता तय की जाएगी। प्राथमिकता के आधार पर मुद्दों को सदन में उठाया जाएगा और सरकार से जवाब मांगेंगे।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त जअजय सिंह विन्ध्य के कद्दावर नेता हैं। उनके पिता स्व. अर्जुन सिंह प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे। वे भी 1977 से 1980 के बीच नेता प्रतिपक्ष रहे थे। अजय सिंह 1985 व 1991 के दो उप चुनाव में विजयी होकर विधायक बने थे और 1998 से लगातार विधायक हैं।
दिग्विजय सिंह सरकार में वे पंचायत व ग्रामीण विकास और पर्यटन विभाग के मंत्री भी रहे। तेरहवीं विधानसभा में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष जमुनादेवी के निधन के बाद उन्हें 15 अप्रैल 2011 को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। पार्टी ने उन्हें एक बार चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष भी बनाया था ।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से अधिकृत तौर पर विधानसभा सचिवालय को नए नेता प्रतिपक्ष के नाम का पत्र नहीं भेजा गया। उल्लेखनीय है कि अजय सिंह अभी भोपाल से बाहर हैं और 27 फरवरी को भोपाल आएंगे।
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