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मरने वाले किसान सबसिडी चाटने वाले होते हैं। इन्होंने कृषि को बदनाम किया है। इनमें कुछ अधिकारी और पैसे वाले लोग भी मिले हुए होते हैं। ऑरिजनल किसान कभी आत्महत्या नहीं करता। मेहनत करने वाला किसान कभी निराश नहीं होता। वो कभी सबसिडी के फेर में भी नहीं पड़ता। कर्ज के चलते आत्महत्या करने वाले किसानों पर यह तंज भरा बयान हुजूर सीट से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने शुक्रवार को दिया।
पीएचडी चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सम्मेलन में शर्मा बतौर मुख्य अतिथि अपना उद्बोधन दे रहे थे। उन्होंने किसानों को नसीहत देते हुए कहा कि वे जितनी चादर हो उतना ही पैर पसारें। शर्मा ने कहा कि बैंकों से लोन लेने के लिए नियम हिंदी में बनाए जाने चाहिए क्योंकि किसान को लोन लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि नाबार्ड और बैंकों के बीच समन्वय के अभाव में किसानों को लोन नहीं मिल पाता है। रामेश्वर शर्मा के बयान पर प्रदेश कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। पार्टी के प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि भाजपा के नेता अहंकार में चूर हो चुके हैं।
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