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महाराज हमारा स्कूल न बंद कराएं-कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक
 हजारों बच्चों के भविष्य की बात है

ग्वालियर जय विलास पैलेस परिसर में बने वर्षो पुराने स्कूल सरस्वती शिशु मंदिर को लेकर कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर उसे खाली न कराने की मांग की है। यहां कांग्रेस विधायक का कहना है कि इस स्कूल का पूर्व छात्र होने के नाते मेरा इससे भावनात्मक लगाव है।साथ ही हजारों बच्चों के भविष्य की बात है। कांग्रेस विधायक पाठक ने केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि वे इस विद्यालय भवन को खाली कराने के अपने आदेश पर पुनर्विचार करें एवं हजारों बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखें।कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक लिखते हैं कि मुझे जब से पता लगा है कि आपके द्वारा जयविलास परिसर में स्थित कई दशकों पुराने ज्ञान के मंदिर, शिक्षा एवं संस्कारों के उत्कृष्ट केंद्र सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय को खाली कराया जा रहा है। विद्यालय का पूर्व छात्र होने के नाते मेरी भावनाऐं आहत हुई हैं। हमारे विद्यालय सरस्वती शिशु मंदिर ने शिक्षा और संस्कार के नए और ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किए हैं । सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय से मेरी भावना का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, मैंने हमारी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय के संबंध में दिए विरोधाभासी विचारों का भी विरोध किया थाकांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक पत्र में लिखते हैं कि इस स्कूल से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पक्ष और जनमानस की राय यह है कि, आपकी दादी कैलासवासी राजमाता सिंधिया ने अपने उदार हृदय के साथ सरस्वती शिशु मंदिर को महल में स्थान उपलब्ध कराया था। निजी रूप से मेरा मानना है कि कैलाशवासी राजमाता सिंधिया ने शाही परिवार को लोकोन्मुख बनाने के लिए ही शिक्षा के केंद्र स्थापित किए थे और इस विद्यालय से उनकी कई स्मृतियां जुड़ी हुई है। आदरणीय राजमाता ने उनकी आत्मकथा "राजपथ से लोकपथ" में तो लिखा भी है वे जयविलास महल में ही अंचल के विद्यार्थियों हेतु विश्वविद्यालय बनाना चाहती थीं।विधायक पाठक ने पत्र में आगे लिखा है कि आप से मेरा आग्रह है कि महल परिसर में चलने वाले सरस्वती शिशु मंदिर से मेरे जैसे सामान्य परिवारों के हजारों बच्चों ने शिक्षा प्राप्त की है। हजारों बच्चे आज भी यहां से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। जाहिर है यह विद्यालय आपके पूर्वजों द्वारा ग्वालियर के बच्चों के विद्या ग्रहण करने के लिए आरंभ किया गया था। आपके द्वारा महल परिसर स्थित इस शिक्षा भवन को खाली कराने से आशंका है कि यह शिक्षा मंदिर बंद न हो जाए जो कि शिक्षार्थियों के लिए गहरा आघात होगा और आपकी पूज्य दादी के सपनों पर एक गहरी चोट भी होगी। विधायक पाठक ने पत्र के अंत में लिखा है कि मेरा आपसे निजी तौर पर आग्रह है कि आप अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का प्रयास करें और सरस्वती शिशु मंदिर परिसर को यथावत रहने दें।

Kolar News 11 May 2023

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