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मंदसौर। साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दोनों ही प्रमुख दलों की राजनीति का केंद्र फिर से किसान आंदोलन की धरती वाला मंदसौर जिला बन गया है। इसलिए दोनों ही दल के नेताओं ने अभी से ही मंदसौर का रुख कर लिया है और यहां दौरे शुरू हो गए हैं। किसान आंदोलन की बरसी के दिन 6 जून को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस के प्रचार अभियान का शंखनाद करेंगे तो वहीं इसी मई माह में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सुवासरा विधानसभा के सीतामऊ में सभा करेंगे।
सीतामऊ दौरे के दौरान मुख्यमंत्री 2375 करोड़ की सिंचाई परियोजना का भूमिपूजन करेंगे, जिसकी घोषणा वर्ष 2020 में उपचुनाव के दौरान की थी। वहीं पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने भी मंदसौर-नीमच में दो दिनों तक दौरा किया तो वहीं भाजपा के भी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा से लेकर प्रभारी मंत्री सहित भाजपा के सत्ता-संगठन के अन्य नेता भी जिले में डेरा डाल चुके हैं।
चुनाव से पहले दोनों ही प्रमुख दल भाजपा-कांग्रेस में एक जैसा अनूठा संयोग बन रहा है। वर्ष 2018 के चुनाव के पहले जहां कांग्रेस ने पिपलियामंडी में राहुल गांधी की सभा कराई थी तो उस साल चुनाव के पहले सुवासरा विधानसभा में ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान ने सभा करते हुए शामगढ़ सिंचाई परियोजना जिस पर करीब 16 00 करोड़ में खर्च हुए, का भूमिपूजन कर सभा की थी। यानी पिछले चुनाव की तरह इस बार भी कांग्रेस पिपलियामंडी से तो बीजेपी सुवासरा विधानसभा से शुरुआत कर रही है।
दिग्विजयसिंह तीन दिनों तक रुके थे मंदसौर में
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह विगत दिनों मंदसौर दौरे पर आये थे और मंदसौर में तीन दिनों तक रूके थे। इस दौरान उन्होंने सुवासरा विधानसभा और मंदसौर विधानसभा के कार्यकर्ताओं की बैठक भी ली थी।
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