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कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के ज्योतिरादित्य सिंधिया पर दिए बयान से एमपी की सियासत में उबाल जारी है। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय सिंह पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि सिंधिया गद्दार नहीं बल्कि खुद्दार हैं। कांग्रेस में रहते आखिर कितना अपमान सहते। सिंधिया का बगैर नाम लिए सीएम शिवराज ने कहा कि कांग्रेस में रहते दो-दो हजार वोटों से जीते, वो बीजेपी में 50-50 हजार वोटों से जीते। हम किसी की मेहरबानी पर सरकार नहीं चला रहे हैं।सीएम शिवराज ने कहा कि 'सिंधिया गद्दार नहीं खुद्दार हैं। आखिर कांग्रेस कितना अपमान सहते। चुनाव लड़ा सिंधिया के नाम पर और बुगुर्ज कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया। सरकार कमलनाथ नहीं दिग्गी राजा चला रहे थे। कमलनाथ का तो नाम मात्र का चेहरा था। बार-बार सिंधिया और उनके साथी जन समस्याओं की ओर ध्यान दिला रहे थे। कमलनाथ का अहंकार बड़ा था। सिंधिया ने कहा कि यह काम करो नहीं तो सड़कों पर उतरेंगे। तब कमलनाथ ने कहा कि सड़कों पर उतर जाओ। कमलनाथ ने ईगो में कहा था कि गाड़ी में बिठाकर दूसरी पार्टी में छोड़ आउंगा। आखिर कोई भी खुद्दार नेता कैसे बर्दाश्त करता। मिलने जाए तो कमलनाथ मिलते नहीं थे। एक बात और जोर देकर कहना चाहता हूं। अगर वो गलत लोग होते तो जनता हजारों वोटों से कैसे जिताती। कांग्रेस में रहते दो दो हजार वोटो से जीते थे, फिर 50 50 हजार वोटो से जीते। हम किसी की मेहरबानी पर सरकार नहीं चला रहे। सिंधिया ने इस्तीफा दिया। चुनाव लड़ा और शान से जीतकर आए। लेकिन, कांग्रेस में छोटेपन और ओछेपन की होड़ लगी है। हर नेता दूसरे नेता को छोटा करने बयान देना चाहता है। इस होड़ में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह समेत सब शामिल हैं। सूत न कपास, जुलाहों में लट्ठम-लट्ठा। कांग्रेस का क्या होगा भगवान जाने।'
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