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इंदौर। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद (रावण) ने कहा कि प्रशासन के लोग हमारे कार्यकर्ताओं को टारगेट कर रहे हैं। मैं प्रशासन से कहना चाहता हूं कि मोहरे मत बनो। जिस दिन सत्ता बदलेगी, ये रक्षा नहीं करेंगे। मैं पुरानी पेंशन को लागू कराने के लिए मध्य प्रदेश में आंदोलन करने की तैयारी कर रहा हूं। जो अच्छे कर्मचारी हैं, उनको कहता हूं कि संविधान के अनुसार काम करेंगे। सरकार के इशारे पर काम करने वाले दूसरे प्रदेश में अपने लिए जगह ढूंढ लें, जिन्होंने न्याय नहीं किया, उसे जेल भेजने का काम हम प्रदेश में करेंगे।
चंद्रशेखर आजाद शुक्रवार को महू में भीम आर्मी की रैली को संबोधित कर रहे थे। दरअसल, संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती पर भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल पार्टी के अध्यक्ष जयंत चौधरी शुक्रवार को बाबा साहब की जन्मस्थली महू पहुंचे थे। इन नेताओं ने बाबा साहेब अंबेडकर को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इसके बाद शहर के आजाद मैदान पर भीम आर्मी ने एक रैली की जिसे भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि कानपुर में एक मिठाई की दुकान है। उन्होंने लिखा है ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं। भाजपा भी ऐसे ही है। इनके यहां कई मुख्यमंत्री पद के दावेदार है। इनका मुख्यमंत्री नहीं बनेगा, ये दावे से कहता हूं। जनता इनका हिसाब करेगी। हर गरीब को पक्का मकान मिलना चाहिए। आप मुझे जल्द डाला उपलब्ध कराएं, सरकार की नींव हिलाने का काम करेंगे। पक्के मकान बनाने का काम करेंगे।
साइकिल यात्रा निकालने का किया ऐलान: आजाद ने कहा कि एक आंदोलन हम लोग शुरू करने वाले हैं। एक महीना मैं उसका नेतृत्व करने के लिए मध्यप्रदेश में रहूंगा। हमें 500 साइकिल की व्यवस्था करनी है। उसके एक महीने बाद हम यात्रा पर निकलेंगे। गली-गली मोहल्ले में लोगों को जागरूक करेंगे। मैं वादा करता हूं कि औरों की तरह यात्रा में सुख सुविधा लेकर नहीं निकलूंगा। बस कपड़े और साइकिल होगी। यहां यात्रा पूरी होने के बाद फिर राजस्थान में जाकर वहां लोगों को जगाने का काम करूंगा। मेरा यही काम है। मुझे यही आता है।
नेमावर हत्याकांड की पीड़ित को मंच पर बुलाया: नेमावर में परिवार की हत्या की सीबीआई जांच के लिए पैदल यात्रा निकालने वाली भारती को भीम आर्मी प्रमुख ने मंच पर बुलाया और कहा कि जब मैं इसे देखता हूं तो मेरा सीना छलनी हो जाता है। इसकी बहादुरी को सलाम करता हूं। अगर ये दो साल छोटी न होती तो मैं इसे विधायक बनाने के लिए गली-गली घूमाता। मैं अपनी बहन को अन्याय के खिलाफ खड़ी करूंगा।
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि आजादी के बाद इन सरकारों ने सिर ढकने के लिए पक्के मकान भी नहीं दिए। जानवर के लिए भी हम इंतजाम करते हैं। हमारे घर में पानी नहीं आता है, ये एसी में सोते हैं। कब तक इनके भरोसे रहोगे। सामना करने के लिए आपको ट्रेंड होना पड़ेगा। जिस प्रकार आकाश गुर्जर का फर्जी एनकाउंटर हुआ, उसे बस से उतारकर गोली मार दी गई। ऐसे अन्याय का सामना हमें रोज करना पड़ेगा। इनके पास पैसा, पावर, मीडिया है, मेरे पास आपके सिवा कुछ नहीं है। जब तक हम बड़ी संख्या में बूथ पर अपने भाइयों को तैयार नहीं करेंगे, बूथ नहीं जीतेंगे, तब तक हमारे साथी विधानसभा नहीं जाएंगे। जब तक ये विधानसभा नहीं जाएंगे, तब तक आपकी आवाज नहीं उठा पाएंगे।
उन्होंने कहा कि भारत को आजाद हुए 70 साल से ज्यादा हो गए। हम लोग उम्मीद कर रहे हैं कि कोई हमारी लड़ाई को लड़े। कोई हमारी समस्याओं को अपनी समस्या समझे। हमारे दुख को अपना दुख समझे। जितने भी राजनीतिक दल हैं, उन पर भरोसा किया कि ये हमारी गुलामी की बेड़ियों को काटेंगे। इन्होंने हमें राष्ट्रपति, मंत्री, गवर्नर बनाया लेकिन उनको इतनी ताकत नहीं दी कि समाज के हित में एक कानून बनवा सकें। बाबा साहब को यह शंका थी कि सत्ता में बैठकर ये लोग हमारे लोगों को अधिकारों से वंचित रखेंगे क्योंकि इनका चरित्र ही ऐसा है।
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