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खरगोन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगुभाई पटेल के महेश्वर पहुंचने से पहले उनके काफिले के रास्ते में पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधौ मांगों की तख्ती लेकर खड़ी थीं। मुख्यमंत्री के आने से पहले ही पुलिस टीम ने साधौ और उनके समर्थकों को घेर लिया। पुलिस ने विधायक और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। कांग्रेस विधायक साधौ ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और मेरा गला दबाया।
मुख्यमंत्री चौहान और राज्यपाल पटेल शुक्रवार को जिले के महेश्वर में आयोजित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती समारोह एवं लाड़ली बहना सम्मेलन शामिल हुए। उनका काफिला वीआईपी रोड से गुजरना था। वहां पूर्व मंत्री और क्षेत्रीय विधायक साधौ अपने समर्थकों के साथ जुटी थी। उनके हाथों में मेडिकल कॉलेज की मांग और निमाड़ उत्साह के आयोजन की मांग वाली तख्तियां थी। पुलिस ने काफिले के आने से पहले ही विधायक को पकड़कर पुलिस वाहन में बैठाने की कोशिश की। साधौ वाहन में बैठने से इनकार कर रही थीं। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी उन्हें जबरन वहां से दूर ले जाना चाहते थे। इस दौरान महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें पकड़कर पीछे की ओर धक्का दे दिया। उन्होंने विधायक को जबरन वाहन में बैठाया और थाने ले गए। साथ की कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
मेरा नही लोकतंत्र का गला दबाया जा रहा: साधौ
कांग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधौ ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मेरा गला दबाया। उन्होंने ट्वीट किया कि 'आज महेश्वर में बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी की जन्म जयंती के दिन दलितों के हितों का झूठा दिखावा करने वाली, प्रदेश की तानाशाही शिवराज सरकार ने किस तरह जनता के हितों की आवाज़ उठाने पर एक दलित की बेटी "लाड़ली बहना" का गला दबाकर जनता की आवाज़ को रोकने की कोशिश की। मेरी आवाज़ जनता की आवाज़ है, यह गला मेरा नही लोकतंत्र का दबाया जा रहा।
शिवराज सरकार का दलित विरोधी चेहरा उजागरः कमलनाथ
कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ की गिरफ्तारी को लेकर कमलनाथ ने कहा कि अस्पताल निर्माण की मांग करने पर जिस तरह दलित समाज से कांग्रेस विधायक को गिरफ़्तार किया गया, उससे शिवराज सरकार का दलित विरोधी और जनविरोधी चेहरा उजागर हो गया है। मैं इस गिरफ़्तारी की निंदा करता हूं।
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