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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पार्टी के विधायक और सांसदों से मांगे गये बैंक खातों का ब्यौरा देने का समय निकल गया लेकिन मध्यप्रदेश के नेताओं ने समय सीमा में यह नहीं किया । मध्यप्रदेश से अभी तक पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ विधायक बाबूलाल गौर के अलावा किसी भी एमएल और एमपी ने ब्यौरा नहीं भेजा है। गौर ने बेनामी संपत्ति का ब्यौरा देने की वकालत करके नई बहस छेड़ दी है। वहीं मंत्रियों का कहना है कि 1 जनवरी तक बैंक ट्रांजेक्शन का डिटेल मांगा गया है इसलिए उनके पास पर्याप्त समय है। बीजेपी नेताओं को इस ब्यौरे में अपना नाम, लोकसभा या विधानसभा क्षेत्र, किसमें बैंक खाता है, कुल कितने खाते हैं, खाता का प्रकार, खाता नंबर, अकाउंट में कुल पैसे, 9 नवंबर से 31 दिसंबर तक जमा रकम और निजी या व्यावसायिक आमदनी की पूरी जानकारी देना है।
बैंक ट्रांजेक्शन का ब्यौरा देने को लेकर प्रदेश टुडे ने वित्त मंत्री जयंत मलैया, कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, जीएडी राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य, मंत्री अंतर सिंह आर्य, वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, राज्य मंत्रियों में ललिता यादव, संजय पाठक, सूर्य प्रकाश मीना आदि से संपर्क किया लेकिन कोई भी उपलब्ध नहीं हो सके।
विधायक और सांसदों से बैंक खातों का हिसाब देने कहा है। हम पीएम की बात मानने को तैयार हैं। 31 दिसम्बर तक की स्थिति में जानकारी देना है, अभी समय है। जनवरी के पहले सप्ताह में चाही गई हर जानकारी पार्टी अध्यक्ष को भेज दी जायेगी।
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