कोलार के डेवलपमेंट में तीन चीजें बाधक साबित हो रही हैं। वो हैं राजनीति राजनीति और राजनीति । नगर निगम में विलय के बाद कोलार को लेकर महापौर आलोक शर्मा और विधायक रामेश्वर शर्मा के बीच सियासत का खेल चल रहा है। इनकी अहम की लड़ाई में क्षेत्र का विकास प्रभावित हो रहा है। दो साल के कार्यकाल में महापौर यहां सिर्फ चार बार आए हैं। अनबन की वजह विधायक अपने क्षेत्र में महापौर का दखल पसंद नहीं करते। हांलाकि दोनों ऐसे किसी विवाद से इंकार करते हैं, लेकिन दोनों के बीच कई मुद्दों पर अहं की लड़ाई अभी भी जारी है।
यह है योजनाओं की स्थिति
केरवा पेयजल प्रोजेक्ट - शुरू 2014
रामेश्वर शर्मा - पानी देने का वादा किया है, उसे पूरा करेंगे। 2017 तक पानी दे दिया जाएगा।
आलोक शर्मा - 2018 के पहले पानी देंगे। पूरे प्रोजेक्ट पर मैं नजर रख रहा हूं।
हकीकत - डेडलाइन 2016 में पानी सप्लाई शुरू करने का वादा पूरा हो ही नहीं सका।
वार्डों में विकास कार्य नहीं हो रहे
रामेश्वर शर्मा - वार्डों में छोटे - मोटे काम तो चलते ही रहते हैं।
आलोक शर्मा - कई बड़े प्रोजेक्ट के लिए राशि स्वीकृत की है। पार्षद मेरे पास कोई भी प्रस्ताव लेकर आते हैं तो मैं तुरंत ओके करता हूं।
हकीकत - वार्डों में सड़कें ऊखड़ी पड़ी हुई हैं, सड़कों पर सीवेज का पानी बह रहा है ।
5 हजार स्ट्रीट लाइट बंद
रामेश्वर शर्मा - कोलार में मेन रोड पर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम हुआ है। सभी कॉलोनियों में लाइटें लगाई जाएंगी।
आलोक शर्मा - कोलार में स्ट्रीट लाइट सहित कई बड़े प्रोजेक्ट के लिए राशि स्वीकृत की है। पर्याप्त लाइट लगी है।
हकीकत - सड़कें और कॉलोनियां अंधेरे में हैं। 6 हजार में से 5 हजार स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हंै।
यह काम नहीं हुए शुरू : सब्जी मंडी निर्माण, खेल मैदान, सीवेज लाइन नहीं बिछी, पार्क निर्माण समेत अनेक काम पेंडिग हैं।
महापौर आलोक शर्मा सभी काम समय पर कराएं जाएंगे, थोड़ा बहुत समय लगता है। मैं हर क्षेत्र में जाता हूं। कहीं कोई जाने में पांवदी नहीं हैं। विकास कराना ही मेरी प्राथमिकता है।
विधायक हुजूर रामेश्वर शर्मा ने कहा क्षेत्र की जनता की टेंशन मेरी है, जो वादे किए गए हैं, वह पूरे कर अगले चुनाव में नए वादों के साथ जनता के बीच जाएंगे।