हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है। उधर नर्सें भी आज हड़ताल पर उतरी हैं। इस कारण हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अस्पताल में आने वाले मरीज इलाज के लिए तरसते रहे। कई मरीजों को इलाज नहीं मिला तो मरीजो ने निजी अस्पतालों में जाकर अपना इलाज कराया। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि इस पूरे मामले की शिकायत गांधी मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता, अस्पताल अधीक्षक और सभी विभाग प्रमुखों से की जा चुकी है। लेकिन अब तक किसी के भी द्वारा किसी भी प्रकार का कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल में सेवा देने वाली साढ़े चार सौ स्टाफ नर्सों ने भी काम बंद कर दिया। नर्सों के खातों में समय पर वेतन न आने की वजह से नर्सों ने यह निर्णय लिया है। नर्सों के खातों में अब तक वेतन नहीं पहुंचने के बाद सभी नर्सों काम बंद करने के बाद धरने पर बैठ गई हैं। नर्सों का कहना है कि गांधी मेडिकल कॉलेज की वाणिज्य शाखा द्वारा हर माह उनका वेतन यह कहकर रोक लिया जाता है कि उनके पास बजट का आभाव है। जिसकी वजह से उन्हें हर माह वेतन न मिलने की परेशानी से गुजरना पड़ता है। जागरुक नर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन समिति की अध्यक्ष ग्लोरिया सिंह ने बताया कि इन दोनों अस्पतालों की करीब 450 नर्सों का वेतन अटकने से हम सभी क्रिसमस त्यौहार की कोई भी तैयारी नहीं कर पाए हैं। जिसकी वजह से हमको लगता है कि हम अपना त्यौहार भी नहीं मना पाएंगे।
अस्पताल की व्यवस्थाएं चौपट हो, ऐसा हम नहीं चाहते हैं। सोमवार की रात को भी हमने काम पर वापस जाने का सोचा था, लेकिन कॉलेज प्रबंधन द्वारा जूनियर डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार का एक्शन नहीं लिया गया तो वो काम पर नहीं लौटे।