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मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी जेपी अग्रवाल ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को आईना दिखाया है। अग्रवाल ने जबलपुर प्रवास के दौरान पार्टी पदाधिकारियों को खूब खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा- जिन कार्यकर्ताओं के कंधों पर चढ़कर नेता सांसद-विधायक बने, उन्हें भुलाया जाता रहा और जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से ही पार्टी कमजोर हो गई।2018 में चुनाव जीतकर 15 महीने में ही सरकार गंवाने के बाद कांग्रेस अब मिशन 2023 की तैयारियों में जुटी हुई है। कांग्रेस और संगठन को मजबूत करने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुकुल वासनिक की जगह मध्यप्रदेश का प्रभारी पार्टी के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल को बनाया है।एमपी प्रभारी बनाए जाने के बाद पहली बार जबलपुर आए अग्रवाल ने विधायकों और जिला अध्यक्ष से ज्यादा जमीनी कार्यकर्ताओं को तवज्जो दी। जबलपुर में विधानसभा चुनाव के लिए संगठन की तैयारियों को परखने पहुंचे अग्रवाल ने यहां ब्लॉक, मंडलम, सेक्टर स्तर के कार्यकर्ताओं से बातचीत की। उन्होंने कार्यकर्ताओं का शॉल और श्रीफल देकर सम्मान किया।जबलपुर में जेपी अग्रवाल ने कहा, कांग्रेस पार्टी ऐसे ही गिरकर कमजोर नहीं हुई है, बल्कि इसमें खुद अपनों की गलतियां थीं। कांग्रेस ने लंबे समय शासन किया, लेकिन जमीनी कार्यकर्ताओं की सुध नहीं ली। गलियों में पार्टी का झंडा उठाने वालों का हाथ छूट गया और जिनके कंधों पर चढ़कर नेता सांसद, विधायक बने, उन कार्यकर्ताओं को भुला दिया गया। अपने खर्च पर पार्टी के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं का दर्द समझना पड़ेगा और उनका हाथ पकड़कर ही आगे मंजिल मिलेगी। अग्रवाल ने दो टूक कहा कि चुनाव जीतने और हारने से फर्क नहीं पड़ता, लेकिन पार्टी और कार्यकर्ताओं का जिंदा रहना जरूरी है।जेपी अग्रवाल जब कार्यकर्ताओं से बात कर रहे थे, उस दौरान उनके साथ मंच पर पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया, पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा, विधायक संजय यादव, विधायक विनय सक्सेना और जबलपुर नगर अध्यक्ष एवं महापौर जगत बहादुर भी मौजूद थे। कहा जा रहा है कि कार्यकर्ताओं की जिस तरह से जेपी अग्रवाल ने तारीफ की है, वह आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित हो सकती है।
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