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भुवनेश्वर। ओडिशा के बालेश्वर जिले में हुई ट्रेन दुर्घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 233 हो गई है। बाहानगा स्टेशन के पास कल शाम करीब सात बजकर 20 मिनट पर हुए इस हादसे में 900 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। यह हादसा दो यात्री रेल और एक मालगाड़ी के बीच टक्कर से हुआ। केंद्रीय रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव आज सुबह घटनास्थल पर पहुंचे हैं। वह राहत और बचाव कार्यों का जायजा ले रहे हैं। ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने बताया कि अब तक 233 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। लगभग 900 यात्री घायल हुए हैं। घायलों का बालेश्वर, मयूरभंज, भद्रक, जाजपुर और कटक जिलों के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। तलाशी एवं बचाव अभियान जारी है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरअफ), ओडीआरएफ और फायर सर्विस अभी भी बोगी को काटने और जीवित या मृत लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। यह हादसा शालीमार कोरोमंडल सुपरफास्ट एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर की वजह से हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस रेल दुर्घटना पर दुख जताया है। उन्होंने केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा-ओडिशा में ट्रेन हादसे से दुखी हूं। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना है। मुआवजा का ऐलान करते हुए रेल मंत्रालय ने कहा कि मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख मुआवजा दिया जाएगा और गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए दो लाख रुपये और मामूली चोटों वाले लोगों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के वरिष्ठ कमांडेंट जैकब किस्पोट्टा ने सुबह कहा कि हमारी छह टीमें रात से राहत और बचाव अभियान में जुटी हुई हैं। लगभग सभी जीवित लोगों को निकाल लिया गया है। अब शव निकाले जा रहे हैं। उधर, ओडिशा सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
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डार्मस्टेड (जर्मनी) । यूरोप की अंतरिक्ष संस्था यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) ने पहली बार यूट्यूब पर मंगल ग्रह से सीधा प्रसारण (लाइव स्ट्रीमिंग) करने में सफलता पाई है। इस लाइव स्ट्रीमिंग से लाल ग्रह की अनदेखी झलक दिखी। यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर के लॉन्च की 20वीं सालगिरह के मौके पर मंगल ग्रह से लाइव स्ट्रीमिंग की पहल की। इस कवायद का उद्देश्य मंगल ग्रह की सतह की तीन आयामों वाली तस्वीरों को और ज्यादा विस्तृत रूप में हासिल करना था। इस स्ट्रीमिंग की ऐतिहासिक लाइव तस्वीरें भी सामने आई हैं। इस वजह से लोगों को इस लाल ग्रह को करीब से देख सकने का मौका मिला है। स्पेस एजेंसी ने इन तस्वीरों को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर भी किया है। जर्मनी के डार्मस्टेड में यूरोपियन स्पेस एजेंसी के मिशन कंट्रोल सेंटर पर तैनात जेम्स गॉडफ्रे ने कहा कि आम तौर पर मंगल ग्रह से आने वाली फोटो को देखा जाता है, जो कुछ समय पहले ली गई होती हैं। सीधे प्रसारण से हम वास्तविक स्थितियों (रीयल टाइम) में इस ग्रह को देख सकने में सफल हुए हैं। इससे लोग इस ग्रह के और करीब पहुंच सकेंगे। उनका कहना था कि लाइव स्ट्रीमिंग में किसी ने भी मंगल ग्रह की ऐसी तस्वीरें नहीं देखी थीं। उन्होंने दावा किया कि अक्सर लाल ग्रह के डेटा और इसका ऑब्जर्वेशन तब होता है जब कोई अंतरिक्ष यान पृथ्वी के सीधे संपर्क में नहीं होता। इसलिए फोटोग्राफ्स को तब तक इकट्ठा किया जाता है जब तक कि उन्हें वापस नहीं भेजा जाता।
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भोपाल। राजधानी में शनिवार को जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम के अमले ने संयुक्त रूप से बड़ी कार्रवाई करते हुए ईश्वर नगर स्थित अमूल्य गार्डन के अवैध हिस्से को जमींदोज कर दिया। यह गार्डन बावड़ियाकलां ब्रिज के पास स्थित है। यहां बिना परमिशन के रेस्टोरेंट/ढाबा संचालित किया जा रहा था, जिसमें शराब का अवैध विक्रय तथा अन्य गतिविधियां चलाई जा रही थीं। अमूल्य गार्डन दिल्ली निवासी अम्या कुमार दत्ता की जमीन पर बना है। विजय कुमार मिश्रा ने जमीन किराए पर लेकर रेस्टोरेंट/ढाबा शुरू किया था, जिसकी कोई परमिशन नहीं ली गई थी। दूसरी ओर, यहां पर अवैध तरीके से निर्माण कर रखा था और शराबखोरी समेत अन्य अवैध गतिविधियां भी की जा रही थी। इसलिए शनिवार को यह कार्रवाई की गई। शनिवार सुबह 11 बजे से भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। ताकि, किसी प्रकार के हंगामा होने पर सख्ती से निपटा जा सके। एसडीएम, तहसीलदार समेत पुलिस और आबकारी विभाग का अमला भी मौजूद रहा। अफसरों ने बताया कि पूर्व में नगर निगम और जिला प्रशासन ने ढाबा संचालक को कई बार नोटिस दिए थे। बावजूद अवैध निर्माण नहीं हटाया गया। इसलिए शनिवार को बड़ी कार्रवाई की गई।
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बुरहानपुर। मध्य प्रदेश में इन दिनों मौसम का मिजाज कभी भी बदल जाता है। शुक्रवार को भी शाम को बुरहानपुर में अचानक मौसम बदल गया और तेज आंधी चलने लगी। इससे शहर में एक बीएसएनएल का टॉवर गिर गया। टॉवर सीधे एक इलेक्ट्रॉनिक शोरूम पर जा गिरा, जिससे वहां काम कर रहे तीन कर्मचारी घायल हो गए। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार शहर के लालबाग रोड पर सुभाष स्कूल के सामने बीएसएनएल कार्यालय में लगा टॉवर शाम को करीब साढ़े 6 बजे तेज आंधी चलने के कारण अचानक गिर गया। बीएसएनएल कार्यालय के पीछे मार्केट और औद्योगिक क्षेत्र हैं। जहां कुछ प्लास्टिक निर्माण कंपनी के कारखाने हैं। जिस जगह टावर गिरा, वहां इलेक्ट्रानिक शोरुम है। हादसे के बाद क्षेत्र में हड़कंप की स्थिति बन गई। हालांकि आसपास में कोई नुकसान नहीं हुआ। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। साथ ही लोगों भीड़ भी जमा हो गई। बुरहानपुर में शाम करीब 6 बजे से तेज हवाएं चलने के साथ बारिश भी हुई। तेज हवाएं चलने से कई जगहों पर पेड़ भी गिरे। अंडा बाजार में रात 8 बजे एक गुलमोहर का पेड़ गिर गया। इससे पहले अन्य जगह पर भी पेड़ गिरने की घटनाएं हुई। बिजली कंपनी ने सुरक्षा के लिहाज से बिजली की सप्लाई बंद कर दी। करीब एक घंटे के बाद बिजली सेवा बहाल की गई। शुक्रवार को मध्यप्रदेश में मौसम का मिला-जुला असर रहा। सागर में 8 मिमी बारिश हुई, जबकि भोपाल-इंदौर और ग्वालियर में तापमान 40 डिग्री के नीचे रहा। हालांकि, जबलपुर समेत 12 शहर ऐसे रहे, जहां तापमान 40 डिग्री के पार रहा। सबसे ज्यादा तापमान खंडवा-खजुराहो में 41.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि तीन जून से प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव होगा। इससे भोपाल और उज्जैन संभाग के कई जिलों में बारिश का अनुमान है।
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भोपाल। ओडिशा में बालासोर में हुए रेल हादसे में 2 सौ से ज्यादा लोगों की मौत पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री और राज्य सभा सांसद डॉ संदीप पाठक ने दुख जताया। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। उन्होंने घायलों के भी जल्द स्वस्थ होने की कामना की। आप के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ संदीप पाठक ने कहा कि हादसा भीषण है, दुखद पल है इसलिए हादसे पर बोलने से पहले सोचना पड़ा। उन्होंने कहा कि रेल यात्रियों की सेफ्टी और सिक्योरिटी एक बड़ा मुद्दा है और सरकार का इस पर ध्यान न देना और भी गंभीर है। रेलवे कमिटी का मेंबर होने के नाते पिछली मीटिंग में मैंने रेलवे में बचाव और सुरक्षा का मुद्दा उठाया था लेकिन केंद्र सरकार इसको लेकर गंभीर नजर नहीं आती है। आप सांसद संदीप पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा कि रेलवे केवल ब्रांडिंग और प्रमोशन में जुटी है। रेलवे का यात्रियों की सेफ्टी और सिक्योरिटी पर कोई ध्यान नहीं हैं जबकि देश में हर साल कई रेल हादसे होते हैं। केंद्र सरकार और रेलवे हादसों से कोई सबक नहीं लेता है। डॉ संदीप पाठक ने रेलवे ट्रैक अपग्रेडेशन को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि रेलवे ट्रैक का अपग्रेडेशन भी बहुत जरूरी है लेकिन केंद्र सरकार 65 हजार किमी के ट्रैक नेटवर्क में सिर्फ 37 हजार किमी को ही कंप्लीट कर पाई है जो कि सिर्फ 50 फीसदी है।
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5 जून: विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष (प्रवीण कक्कड़) 5 जून 1992 की बात है जब ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जैव विविधता पर पृथ्वी शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन में दुनिया भर के सभी जागरूक और जिम्मेदार देश शामिल हुए लेकिन दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका इस सम्मेलन के समझौते का हिस्सा नहीं था। भारत ने इस सम्मेलन में पूरी जिम्मेदारी के साथ भाग लिया जिसके फैसलों को 29 दिसंबर 1993 को लागू किया गया। इसके 20 साल पहले वर्ष 1972 में स्टॉकहोम में मानव पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया था। 16 सितंबर 1987 को मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में ओजोन परत को बचाने के लिए समझौता किया गया। बाद में वैज्ञानिक सहमति के आधार पर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए 1992 में क्योटो प्रोटोकॉल पर बड़ी संख्या में देशों ने हस्ताक्षर किए थे। भारत में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम भारत की संसद द्वारा 1986 में पारित किया गया था। इसे संविधान के अनुच्छेद 253 के तहत पारित किया गया था। यह 19 नवंबर 1986 को लागू हुआ था। ऐसे अनेक मील के पत्थर हैं। जिनका जिक्र यहां करना इसलिए जरूरी है, क्योंकि पर्यावरण को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार समझौते कागजों पर होते आए हैं लेकिन उसके बाद भी पर्यावरण की स्थिति बिगड़ती जा रही है। मनुष्य और पर्यावरण का संगम ही जीवन है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर समझौते हो रहे हैं, वहीं सामाजिक स्तर पर कई संकल्प लिए जा रहे हैं लेकिन हम जब तक इन पर व्यवहारिक अमल नहीं करेंगे तब तक इन समझौतों और संकल्पों का अर्थ नहीं है। 1972 में जब पहली बार स्टॉकहोम में मानव पर्यावरण सम्मेलन में दुनिया के बढ़ते तापमान पर चिंता व्यक्त की गई थी तब से लेकर अब तक औसत तापमान में बेतहाशा वृद्धि हो चुकी है। ग्लोबल वॉर्मिंग हम सभी के लिए चिंता का विषय है। चिंता होना भी स्वभाविक भी है, क्योंकि जिस तरह से पिछले कुछ वर्षों में पेड़ों का क्षरण हुआ है, प्रकृति का शोषण हुआ है उससे आने वाले समय में यह ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते स्तर के रूप में एक बड़ी चुनौती बन जायेगा। हमने जिस तेजी से विकास के प्रति दौड़ लगाई उसमें हमने बहुत कुछ पीछे छोड़ दिया। इनमें प्रकृति और पर्यावरण सबसे बड़े मुद्दे थे और अब आज साफ दिखाई दे रहा है कि हमारी नदियां हों, जंगल हों वायु, मिट्टी हो यह सब कहीं न कहीं खतरे में आ गयें हैं। यह सब प्रमाणित कर रहे हैं कि आज हमारे चारों तरफ जो कुछ भी हो रहा है यह सब इन्हीं कारणों से हैं। अंटार्कटिका की बर्फ की परत छलनी हो गई है। समुद्र का जल स्तर इतना बढ़ गया है कि मालदीप जैसे देशों का अस्तित्व खत्म होने का खतरा मंडराने लगा है। तटवर्ती शहरों के कभी भी जलमग्न होने की आशंका है। शहर कभी भी जलमग्न हो सकते हैं। तापमान बढ़ने के कारण पृथ्वी का एक बड़ा हिस्सा जल प्रलय का शिकार हो सकता है। हम सुनामी का मंजर देख चुके हैं। आज बढ़ते तापमान के बीच जल प्रलय या अग्नि प्रलय की आशंका हमें अपनी उन पौराणिक घटनाओं की याद दिलाती है जब पृथ्वी पर पर्यावरण नष्ट होने से जीवन खत्म हो गया था। आज की परिस्थितियों को देखते हुए वह घटनाक्रम सत्य प्रतीत होता है। पर्यावरण और जलवायु को लेकर समझौते तो बहुत हो चुके हैं लेकिन समझौते लागू करने की दिशा में कोई पहल नहीं होती। इसके बहुत से कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है हमारी अपनी स्वार्थ लिप्सा। हम थोड़े से लाभ के चक्कर में दीर्घकालीन हानि को आमंत्रित करते हैं। लम्हों की खता करते हैं सदियों की सजा पाते हैं। इतना सब होने के बाद भी पर्यावरण को लेकर जागरूकता का बेहद अभाव है। आए दिन जंगलों को साफ करने वाले लकड़ी तस्कर पकड़े जा रहे हैं। जंगल माफिया जंगल को साफ कर रहा है। जमीन माफिया खेत निगल रहा है और बिल्डिंग माफिया उन जमीनों पर बिल्डिंग बना रहा है। यह खेल सारी दुनिया में चल रहा है ताकतवर लोगों ने पर्यावरण को अपनी मुट्ठी में कैद करके रखा है। और इस भ्रम में की मैं कुछ नहीं कर रहा हूं, मैं तो निर्दोष हूं, सारी दुनिया का पर्यावरण नष्ट किए जा रहे हैं। हम जितने ताकतवर हुए हैं। हमारा कार्बन फुटप्रिंट उतना ही बढ़ गया है। यानी हमारी ताकत पृथ्वी के लिए गंदगी और प्रदूषण से भरपूर है। हम जितने साधन संपन्न हुए हैं पर्यावरण को उतना ही नुकसान पहुंचाया है। हम जितने सुविधाभोगी हुए हैं उतना ही पृथ्वी को कष्ट में डाला है। ईश्वर ने यह पृथ्वी बनाई है सामंजस्य और सद्भाव के लिए, प्रेम के लिए। पृथ्वी किसी एक प्राणी की नहीं है बल्कि सबसे सूक्ष्म जीव से लेकर सबसे विशाल जीव तक सभी के लिए पृथ्वी एक समान है। यह सहनशील है और हमारी अनजानी भूलों को माफ करने की क्षमता रखती है लेकिन जब हम जानबूझकर भूल करते हैं तो फिर पृथ्वी भी दंड देती है। हमारी जानबूझकर की गई भूलों का दंड विधान अब चल रहा है। तूफान, सूखा, अतिवर्षा, बढ़ता तापमान यह सब पृथ्वी का दंड विधान है। यह दंड विधान और क्रूरतम न हो इसकी फिक्र हर मानव को करना है। दुनिया के ताकतवर देश एक टेबल पर बैठकर समझौता कर सकते हैं लेकिन इन समझौतों को लागू करना हम मानवों का कर्तव्य है। क्योंकि इस पृथ्वी पर मानव ही पर्यावरण का सबसे बड़ा दुश्मन है। इस पर्यावरण दिवस यही चिंतन करने की जरूरत है कि एक इंसान के रूप में हम अपने आसपास के पर्यावरण को कैसे बचा सकते हैं। अपना खुद का कार्बन फुटप्रिंट कितना कम कर सकते हैं। और कितने अधिक पेड़ पौधे लगाकर उन्हें सहेज सकते हैं। अन्यथा पृथ्वी के दंड विधान से बचना असंभव है। पर्यावरण दिवस पर यही चिंतन सर्वोपरि है।
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इंदौर। जिले के खुड़ैल थाना क्षेत्र में शुक्रवार को एक सड़क हादसे में तीन युवकों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि तीनों बाइक सवार युवकों की पहले बस ने टक्कर मार दी, जिससे वे सड़क पर गिर गए। इसी दौरान तेज रफ्तार डंपर ने उन्हें रौंद दिया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और बस को जब्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है। खुड़ैल थाना प्रभारी अजय गुर्जर ने बताया कि घटना नेमावर रोड़ की है। हादसे में साजिद शेख, हनीफ कुरैशी और विजय की मौत हो हुई है। हनीफ के भानजे अरशद ने पुलिस को बताया कि हनीफ भंगार खरीदने, विजय फल बेचने और साजिद बस में हेल्पर का काम करता था। दोपहर को तीनों व्यापार के सिलसिले में बाइक से इंदौर जा रहे थे। बाइक विजय चला रहा था। अशरद के मुताबिक, ओवरटेक करने के चक्कर में यात्री बस (एमपी 09 एफए 3441) ने बाइक को टक्र मार दी, जिससे तीनों सड़क पर गिर गए। इसी दौरान पीछे से आ रहे डंपर ने उन्हें रौंद दिया। ग्रामीणों की मदद से युवकों को एमवाय अस्पताल भिजवाया, लेकिन उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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भिंड। जिले के उमरी थाना क्षेत्र में शुक्रवार देर शाम लूट के इरादे से आए बदमाशों ने एक सराफा कारोबारी की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। बताया जा रहा है कि बदमाश बाइक पर सवार होकर आए थे। उन्होंने व्यापारी को उसके घर के सामने ही गोली मार दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बदमाशों की धरपकड़ के लिए नाकेबंदी की। पुलिस के अनुसार, वारदात शुक्रवार शाम करीब साढ़े 7 बजे से 8 बजे के बीच की है। उमरी में सोने-चांदी का काम करने वाले मोहन सोनी (65) का घर भिंड-गोपालपुरा मार्ग पर है। शुक्रवार शाम वे साइकिल पर सवार होकर घर पहुंचे और घर का गेट खोलने लगे। इसी दौरान घात लगाकर बैठे बदमाशों ने साइकिल के कैरियर पर बंधे थैले को छीनने की कोशिश की। व्यापारी ने उन्हें रोका तो बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी। भिंड के पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने बताया कि लुट के इरादे से आए बदमाशों ने सराफा व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी है। पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है।
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