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बेटी को बचाने में डॉक्टर ने गवाई जान
dr akhlesh misrod

 

 

मिसरोद  कमरे में बंद मासूम को बाहर निकालने के लिए छत से कपडे की रस्सी बनाकर नीचे उतर रहे डॉक्टर की तीसरी मंजिल से गिरने पर मौत हो गई। बाद में लोगों ने कमरे का गेट तोड़कर मासूम को बाहर निकाला। पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। मिसरोद पुलिस के अनुसार रुचि लाइफ, मिसरोद निवासी डॉ. अखिलेश मिश्रा पिता हरिप्रसाद मिश्रा (34) नेशनल हॉस्पिटल में बच्चों के डॉक्टर थे। वह अपनी पत्नी सरिता, साढे तीन साल की बेटी शानवी और डेढ़ साल के बेटे के साथ रहते थे। कल शाम उनकी बेटी को घर में मच्छर काट रहे थे। इस पर उसकी मां ने दूसरे कमरे में अगरबत्ती लगाकर उसे अंदर भेज दिया। मासूम ने गेट को अंदर से बंद कर लिया था।  सूचना पर रात में डॉक्टर अखिलेश मिश्रा अपने घर पहुंचे तो वह घबरा गए।

उन्होंने पड़ोसियों के साथ मिलकर पहले गेट खोलने की कोशिश की, लेकिन जब वह नहीं खुला तो छत पर जा पहुंचे। जहां वह कपडे की रस्सी बनाकर बॉलकनी के रास्ते कमरे में जाने की कोशिश कर रहे थे  तभी अचानक  वह तीसरी मंजिल से नीचे जा गिरे। उन्हें घायल अवस्था में लोग अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बाद में रहवासियों ने कमरे का गेट तोड़कर मासूम को बाहर निकाला। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक का शव बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए हमीदिया अस्पताल भेज दिया।

डॉक्टर अलिखेश मिश्रा की मौत की खबर लगते ही कॉलोनी में मातम छा गया। वह काफी मिलनसार थे और कॉलोनी के बच्चों का इलाज भी किया करते थे। इसलिए लोगों का उनसे काफी लगाव था। सुबह से ही उनके घर मिलने आने वालों का तांता लगा हुआ है।

Kolar News 2 December 2016

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