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कोलार रोड के चूना भट्टी इलाके में करोड़ों रुपयों की सरकारी जमीन टुकड़ों में बेचे जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। एक जनहित याचिका में आरोप है कि भू-माफिया की मिलीभगत से इस साजिश को अंजाम दिया जा रहा है और शिकायतों के बाद भी नतीजा सिफर ही रहा।
एक्टिंग चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन और जस्टिस अनुराग श्रीवास्तव की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी करते हुए उभय पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।हाईकोर्ट में यह याचिका भोपाल के होशंगाबाद रोड निवासी मनोज चौहान की ओर से दायर की गई है। आवेदक का कहना है कि चूना भट्टी इलाके में आशारानी शर्मा की करीब आधा एकड़ जमीन थी। चूंकि श्रीमती शर्मा का कोई वारिस नहीं था, इसलिए उनकी जमीन को लावारिस मानते हुए भू राजस्व संहिता की धारा 177 के तहत कार्रवाई के निर्देश तहसीलदार को दिए गए थे। 14 दिसंबर 2006 को तहसीलदार ने उक्त जमीन सरकार के नाम पर दर्ज करने के आदेश दिए। इसके बाद राजस्व निरीक्षक ने मौके पर जाकर भूमि का कब्जा प्राप्त करके सभी वैधानिक कार्रवाई पूरी की।
याचिका में आरोप है कि अब इस जमीन को भू-माफिया के साथ मिलकर श्यामनाथ शर्मा टुकड़ों में बेचने का प्रयास कर रहा है। इससे शासन को होने वाली क्षति को लेकर याचिकाकर्ता ने संबंधित अधिकारियों को शिकायतें दीं, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई। याचिका में मप्र सरकार के राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव, भोपाल कलेक्टर, एसपी, तहसीलदार और श्यामनाथ शर्मा को पक्षकार बनाया गया है।मामले पर हुई प्रारंभिक सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आदित्य खांडेकर ने पक्ष रखा। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी करते हुए विवादित जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए।
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