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भोपाल क्राइम ब्रांच एवं वन विभाग की संयुक्त टीम ने दो तस्करों को गिरफ्तार करके उनके पास से सेंड बोआ (दो मुंहा सांप) बरामद किया है। इसकी भारतीय बाजार में अनुमानित कीमत लगभग 10 लाख रुपए, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2 करोड़ रुपए आंकी गई है। यानी एक किलो का यह सांप करीब एक करोड़ रुपए में बिकता है।
पुलिस को कुछ दिनों से भोपाल में प्रतिबंधित वन्य जीव दो मुंहा सांप (सेंड बोआ) की तस्करी की सूचना मिल रही थी। इसी बीच क्राइम ब्रान्च की टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि दो लड़के एक सफेद थैले में दो मुंहा सांप लेकर खड़े हैं। वे राहुल नगर झुग्गी में मंदिर के पास उसे बेचने की तैयारी में हैं। क्राइम ब्रॉच की टीम ने वन विभाग के कर्मचारियो को लेकर वहां दबिश दी और दोनों आरोपियों को पकड़ लिया। आरोपियों के पास से पुलिस को तीन मोबाइल फोन भी मिले।
आरोपी तस्कर अमन वामने पुत्र हरीराम वामने, उम्र 23 साल, निवासी राहुल नगर मैनिट के पास कोलार रोड ,वरुण विश्वकर्मा पुत्र स्व. बब्बू प्रसाद विश्वकर्मा, उम्र 22, निवासी दुर्गा नगर कोलार रोड के रहने वाले हैं।
इसी मार्च के महीने में रेड सैंड बोआ यानी दो मुंहा सांप के साथ एसटीएफ ने दो तस्करों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने सांप का सौदा किसी बड़े तस्कर से 25 लाख रुपए में तय किया था। इसी बीच एसटीएफ उनसे ग्राहक बनकर मिली और सौदा कर उन्हें दबोच लिया। एसटीएफ का दावा है कि बिचौलिए के जरिए इस सांप को विदेशी तस्कर को बेचा जाना था। आरोपियों में कृष्णा निकोसे और जयप्रकाश जरिया शामिल है।
पर्यावरणविद् अजय दुबे ने बताया कि सांपों की तस्करी का यह रैकेट मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच ऑपरेट किया जाता है। धार-झाबुआ से तस्कर दो मुंहे सांप लेकर उन्हें उत्तर प्रदेश या हरियाणा पहुंचाते हैं। यहां से इन सांपों को जिंदा या फिर इनके शरीर के अलग-अलग हिस्से अरब देशों को भेजे जाते हैं। इन सांपों की बिक्री वजन के हिसाब से होती है। यदि यह दो किलो से अधिक का होता है, तो इसकी कीमत दो से तीन लाख रुपए तक बाजार में मिल जाती है। बीते वर्षों में इन सांपों की तस्करी के संबंध में पुलिस ने कई गिरोह का पर्दाफाश किया है।
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