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हॉस्पिटल चेन खोलने के नाम पर जालसाजी
हॉस्पिटल चेन बनाने के नाम पर एक जालसाज ने मेडिकल स्टोर और पैथोलॉजी लैब संचालक से 21 लाख रुपए ठग लिए। आरोपी ने उन्हें अपने अस्पताल में मेडिकल स्टोर और पैथोलॉजी लैब खोलने का झांसा दिया था। रकम लेने के कुछ दिन बाद उसने तमिलनाडु में आई बाढ़ में अपने रिश्तेदार के बहने का झांसा दिया और तभी से गायब है। ऐशबाग पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
पंजाबी बाग निवासी 37 वर्षीय मनीष गर्ग दस नंबर मार्केट में न्यू पाटीदार नाम से मेडिकल स्टोर संचालित करते हैं। एसआई नागेंद्र शुक्ला के मुताबिक अक्टूबर 2015 में थूथू गुड़ी, तमिलनाडु निवासी इलियास जेसीमन से मुलाकात हुई थी। प्रभात चौराहा स्थित पिंक टाॅवर में इलियास का वुड क्राइस्ट ट्रस्ट नाम से दफ्तर था। इलियास ने मनीष से कहा कि वह ई-1/88-ए अरेरा कॉलोनी में सीएमसी नाम से अस्पताल शुरू कर रहा है। यहां मेडिकल स्टोर और पैथोलॉजी लैब भी खुलेंगी। स्टोर खोलने के लिए सात लाख रुपए जमा करने होंगे। कभी स्टोर बंद करना हो तो साठ हजार रुपए काटकर बाकी रकम लौटा दी जाएगी। झांसे में आए मनीष ने 22 अक्टूबर को उसे सात लाख रुपए दे दिए। हालांकि न मनीष और न ही पुलिस ये जानती है कि आरोपी इलियास वाकई में तमिलनाडु का रहने वाला है या नहीं। माना जा रहा है कि उसने और भी ठगी की है।
कुछ दिन बाद इलियास ने कहा कि ये प्रोजेक्ट प्रदेश के 13 जिलों में भी शुरू होगा। 12 लाख रुपए और दे दो तो मैं तुम्हें मेडिकल हेड बना सकता हूं। ये रकम भी मनीष ने उसके बैंक खाते में जमा कर दी। इसी दौरान इलियास की मुलाकात कोलार निवासी 36 वर्षीय आशीष पांडे से भी हुई। आशीष हजेला अस्पताल में पैथोलॉजी लैब चलाते हैं। आरोपी ने आशीष से नए अस्पताल में पैथोलॉजी लैब खुलवाने के नाम पर दो लाख रुपए ऐंठ लिए।
पांच दिसंबर 2015 को इलियास ने मनीष को फोन किया। कहा कि तमिलनाडु में आई बाढ़ में उसकी बहन बह गई है। कुछ दिन के लिए घर जा रहा हूं। लौटकर काम शुरू करते हैं। कुछ दिन तक उनकी फोन पर बात होती रही। 23 दिसंबर 2015 के बाद उसने अपना मोबाइल फोन भी बंद कर लिया। परेशान होकर मनीष ने इसकी शिकायत ऐशबाग पुलिस से की थी। पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।
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