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देवेंद्र के खिलाफ दो साल बाद कोलार थाने में मामला दर्ज
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) से 35 बीघा कृषि भूमि का लैंड यूज आवासीय (डायवर्सन) नहीं करवा पाने से परेशान धार के एक कॉलोनाइजर भोपाल के ठग के झांसे में आ गया। आरोपी ने खुद को मंत्रालय का अधिकारी बताते हुए टीएंडसीपी का अप्रूवल दिलाने के नाम पर उनसे 45 लाख रुपए ऐंठ लिए। पीड़ित को मामला दर्ज कराने के लिए 2 साल तक पुलिस थानों के चक्कर काटने पड़े। बाद में मामला अधिकारियों के निर्देश पर कोलार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया जा सका।
एएसपी जोन-1 राजेश सिंह चंदेल के अनुसार धार निवासी विकास जैन पिता अरविंद जैन कॉलोनाइजर हैं। उनकी धार में 35 एकड़ कृषि भूमि हैं। उन्होंने उसमें से 35 बीघा जमीन पर एक पार्टनर के साथ मिलकर कॉलोनी बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने इसका अनुबंध भी कर लिया। इसके बाद वे कृषि भूमि को आवासीय भूमि में बदलने के लिए टीएंडसीपी के दफ्तर और अधिकारियों के चक्कर काटने लगे।
लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी विकास इसमें सफल नहीं हुए। इसी दौरान उज्जैन के उनके एक परिचित ने 24 अप्रैल 2014 में कोलार निवासी देवेंद्र बिठ्ठल राव बिरोले से उनकी मुलाकात कराई। देवेंद्र ने बताया कि उसका भाई मंत्री संजय पाठक से जुड़ा है, जबकि वह खुद मंत्रालय में अधिकारी है। उसका मुख्यमंत्री से सीधा संपर्क है। वह एक माह में कृषि भूमि को आवासीय में बदलवा देगा। इसके लिए वह 50 लाख रुपए लेगा। बाद में उनके बीच 45 लाख रुपए में सौदा तय हो गया। विकास ने 21 लाख रुपए नगद और 24 लाख रुपए पंजाब नेशनल बैंक की मंदाकिनी शाखा से आरटीजी के माध्यम से उसे दिए। रुपए मिलने के बाद आरोपी अपना ठिकाना बदलते हुए कोलार से शाहपुरा के इंडस गार्डन में रहने लगा। उसने मोबाइल फोन बंद कर दिए। मिलने पर वह विकास को आज-कल, आज-कल करता रहा।
एएसपी चंदेल के अनुसार आरोपी ने अपने भाई को संजय पाठक के यहां काम करना बताया था, लेकिन अब तक की जांच में ऐसा कुछ सामने नहीं आया है। देवेंद्र लोगों को झांसा देने के लिए खुद को मंत्री और अन्य लोगों से जुड़ा हुआ बताता था।
दो साल तक विकास शिकायत लेकर थानों के चक्कर काटते रहे, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। टीटी नगर से लेकर कोलार और शाहपुरा थाने से भगाए जाने से परेशान विकास ने आला अधिकारियों से शिकायत की। मामला अफसरों के संज्ञान में आने के बाद कोलार पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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