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भोपाल/ सिवनी। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के पेंच नेशनल पार्क से 13 जुलाई को घायल अवस्था में उपचार के लिये वन विहार भोपाल लाया गया टी-11 बाघ (रैयाकस्सा बाघ) जिसकी गर्दन और पीठ में गंभीर घाव थे। 8 दिन चले इलाज के बाद बाघ ने दम तोड़ दिया है।
वन विहार के पशु चिकित्सक डॉ . रजत कुलकर्णी एवं राज्य पशु भोपाल के डॉ . एमके तुमड़िया ने बताया की नर बाघ खवासा परिक्षेत्र स्थित बाज रिसोर्ट परिसर में घायल अवस्था में मिला था। जिसे उपचार के लिए वन विहार भोपाल गया था। मंगलवार को वन विहार भोपाल में उपचार के दौरान टी-11 बाघ ने दम तोड़ दिया जिसे वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ . अतुल गुप्ता की मौजूदगी में पूरे सम्मान के साथ दाह संस्कार किया गया।
मुख्य वनसंरक्षक व क्षेत्र संचालक पेंच टाईगर रिजर्व विक्रम सिंह परिहार ने बताया कि बीते 09-10 जुलाई की मध्य रात्रि में पेंच टाइगर रिजर्व, सिवनी के खवासा परिक्षेत्र के अंतर्गत बाज रिसोर्ट, ग्राम आवरघानी में गर्दन झुका कर चलने व घायल अवस्था में टी-11 नर बाघ को देखा गया था सर्चिग के दौरान बाघ का रेस्क्यू 12 जुलाई को किया गया और 13 जुलाई की सुबह बाघ को उपचार के लिये वन विहार भोपाल भेजा गया था। टी-11 (रैयाकस्सा बाघ) नर बाघ है एवं इसकी उम्र लगभग 17 वर्ष है। टी 11 की गर्दन के पास 13 घाव, कंधे एवं पुट्ठे आदि भी कई घाव थे। किसी अन्य बाघ से लड़ाई में इसे गर्दन पर चोट पहुंची थी। माह जून 2018 में भी इसकी अलीकट्टा के पास किसी बाघ की लड़ाई से घायल होने पर इलाज किया गया था एवं बचाया गया था।
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