सर्वधर्म समिति ने नए सदस्य बनाकर बेच दिए मकान
जांच में निकली गड़बड़ी, शासन को रिपोर्ट भेजने की तैयारीकोलार इलाके की सबसे पुरानी सर्वधर्म गृह निर्माण समिति की जमीन पर बिल्डरों द्वारा बनाई कॉलोनियों की जांच जिला प्रशासन ने पूरी कर ली है। कलेक्टर के निर्देश पर हुई जांच में बिल्डर्स, तत्कालीन संचालक मंडल, नपा अधिकारी, टीएनसीपी, सहकारिता व पंजीयन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। जांच अधिकारी ने इस पर कार्रवाई की अनुशंसा की है। इसके बाद रिपोर्ट कलेक्टर के माध्यम से शासन को भेजी जा रही है। सर्वधर्म गृह निर्माण समिति में करीब 450 सदस्यों को प्लॉट नहीं मिल सके हैं। वहीं सोसायटी की जमीन पर बिल्डर्स ने बड़ी-बड़ी कॉलोनियां बनाकर बेच डाली। इस मामले के सामने आने के बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने सहकारिता विभाग को जांच के निर्देश दिए थे। साथ ही निर्माण कार्य शुरू करने के लिए किस ने एनओसी जारी की, इसकी रिपोर्ट भी तलब की थी।सूत्रों के अनुसार सहकारिता विभाग द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि बिल्डर्स ने सदस्यों की बिना सहमति के इन मकानों का निर्माण कर दिया। यही नहीं इन मकानों को बेचने के बाद उन्हीं लोगों को समिति का सदस्य बना दिया, जिन्हें मकान बेचे थे, जबकि सर्वधर्म समिति के जो मूल सदस्य हैं, उन्हें प्लॉट मिले ही नहीं। जांच में समिति की ऑडिट रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।कलेक्टर निशांत वरवडे ने बताया सर्वधर्म गृह निर्माण समिति की जांच रिपोर्ट आ गई है। इसे जल्द शासन को भेज दिया जाएगा।समाधान ऑनलाइन में सर्वधर्म गृह निर्माण सहकारी संस्था की ई-सेक्टर की शिकायत की गई थी। इसके बाद वीडियो कॉन्फे्रंसिंग में मुख्य सचिव ने कलेक्टर को निराकरण करने के निर्देश दिए थे। मुख्य सचिव के निर्देश के बाद इस संबंध में प्रशासनिक अफसरों ने एक बैठक बुलाई थी, लेकिन यह बैठक बेनतीजा निकली थी। इसके बाद इसकी जांच शुरू हुई थी, जिसमें कई गड़बड़ियां सामने आई हैं।