कोलार फर्जीवाड़े के आरोपी हुए भूमिगत
भोपाल। सर्वधर्म सोसायटी में भूखंडों के फर्जीवाडेÞ को लेकर बिल्डर समेत नगर पालिका, नजूल, टीएनसीपी और सहकारी फर्म के अफसरों के खिलाफ दर्ज एफआईआर के बाद आरोपी भूमिगत हो गए हैं। नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए ईओडब्ल्यू जल्द उनके संभावित ठिकानों का पता लगाकर धरपकड़ मुहिम शुरू करने की तैयारियां कर रही हैं। सूत्रों की माने तो कोलार नगर पालिका में फर्जी बिल्डिंग परमिशनों के 25 प्रकरणों में से फिलहाल ईओडब्ल्यू ने एक बिल्डिंग परमिशन की जांच के बाद प्रकरण पंजीबद्ध किया है। ईओडब्ल्यू अभी 24 अन्य प्रकरणों में भी एफआईआर दर्ज करेगा। मालूम हो कि कोलार नगर पालिका क्षेत्र में 2009 से 2013 के बीच जारी हुई 25 बिल्डिंगों की फर्जी अनुमतियां दी गई थीं, जिसकी शिकायत के बाद से ईओडब्ल्यू अवैध बिल्डिंग परमिशन की पड़ताल कर रही है। इस संबंध में ईओडब्ल्यू ने छापा मारकर करीब 17 फाइलें भी बरामद कर ली हैं। इस संबंध में ईओडब्ल्यू ने पालिका के अफसरों को नोटिस जारी कर फाइलें उपलब्ध कराने और जिम्मेदार अधिकारियों की सूची मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही टीएनसीपी, कलेक्ट्रेट, नजूल व सहकारिता से भी जारी एनओसी व दस्तावेज तलब किए थे। इओडब्ल्यू अबतक दो मर्तबा नोटिस जारी कर दस्तावेजों की मांग कर चुकी है, लेकिन नजूल नपा ने कोई जवाब नहीं दिया। गत गुरुवार को ईओडब्ल्यू ने नपा से लापता 8 फाइलों में से एक मामले में दो बिल्डरों समेत नपा के तत्कालीन सीएमओ, विनोद जैन, उपयंत्री विनोद त्रिपाठी, दैवेभो दीपक श्रीवास्तव, विनय खरे, टीएनसीपी के तत्कालीन अफसर, तत्कालीन उपपंजीयक, तत्कालीन आॅडिटर सहाकरी संस्थाएं, तत्कालीन तहसीलदार हुजूर के खिलाफ जालसाजी, भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया।सूत्रों के अनुसार, एफआईआर के बाद अब ईओडब्ल्यू उन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकता है, जो कि कार्रवाई में असहायोगात्मक रवैया अपना रहे हैं। ईओडब्ल्यू द्वारा नपा कोलार से 2009 से 2013 के बीच स्वीकृति 25 बिल्डिंग परमिशनों की फाइलें मांगी थी। नपा ने 8 फाइलों को छोड़ शेष फाइलें ईओडब्ल्यू को सुपुर्द कर दी थीं। ईओडब्ल्यू के तीन रिमांडर नोटिसों के बावजूद अबतक 8 फाइलों के संबंध में उन्हें जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। ऐसे में अब ईओडब्ल्यू नपा अफसरों और बिल्डरों के साथ ही संबंधित दस्तावेज व फाइलें उपलब्ध कराने में असहयोग या फिर दस्तावेजों को खुर्दबुर्द करने वाले नपा, नजूल, टीएनसीपी, सहकारिता विभाग के जिम्मेदारों अधिकारी- कर्मचारियों के खिलाफ धारा 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज करने की तैयारियों में है।अभी 25 मामलों की जांच और एफआईआर होना बांकी है। ऐसे में इस प्रकरण में बिल्डिंग परमिशन के लिए जिम्मेदार नपा, नजूल, टीएनसीपी, पंजीयन कार्याल, आडीटर सहकारी संस्था के तत्कालीन अधिकारियों के साथ-साथ परमिशन लेने वाले भूमि स्वामियों पर भी गाज गिरेगी।