96 एकड़ जमीन ,किसानों ने लगाई हाईकोर्ट से गुहार
शाहपुरा स्थित दानापानी रेस्टोरेंट से लगी 96 एकड़ बेशकीमती जमीन का मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है। इस जमीन पर 40 साल से 48 किसान सब्जी उत्पादन का काम कर रहे हैं। सीवेज के पानी से सब्जी उगाने का मामला एनजीटी में पहुंचने के बाद किसान सब्जी की जगह फूलों की खेती करके अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। चूंकि सरकार ने जमीन लेने की कवायद शुरू कर दी है। फलस्वरूप जमीन खाली करने के नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इसी के विरोध में किसानों ने हाईकोर्ट की शरण ली है। सरकार ने बांटे थे पट्टे : सरकार ने 48 किसानों को सन् 1975 में खेती करने के लिए दो-दो एकड़ के पट्टे दिए गए थे। इन्हीं जमीनों के माध्यम से किसान अपना और अपने परिवार का जीवनयापन कर रहे हैं।भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) की निगाहें इस जमीन पर काफी समय सेलगी हुई हैं। वह जमीन को पाने के लिए तीन साल से इंतजार कर रहा है। यहां बीडीए सैकड़ों μलैट बनाने की योजना पर काम कर रहा है। सुरेंद्र नाथ सिंह जब बीडीए अध्यक्ष थे, तभी यह योजना बनी थी,लेकिन जमीन नहीं मिलने से योजना साकार नहीं हो सकी। बीडीए के अधिकारियों का कहना है कि किसानों को जमीन खाली करना होगा। कोर्ट में जाने से कुछ नहीं होगा। सरकार ने पट्टे दिए थे, सरकार पट्टे वापस ले सकती है।जमीन के दाम अरबों रुपए में पहुंचने के बाद सभी की निगाहें यहां लगी हुई हैं। बीडीए के बाद कई बिल्डर भी इस जमीन को हथियाने की जुगत भिड़ा रहे हैं। वह यहां मल्टी स्टोरीज के प्रोजेक्ट लाना चाहते हैं। सूत्रों की मानें तो कई बिल्डरों की बात जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से भी हो चुकी है