दमोह। आठ महीने पहले दो नाबालिग लड़कियों को भगाकर ले जाने के मामले में पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। हालांकि इस दौरान अपहृत लड़कियों में से एक की हत्या कर दी गई जबकि दूसरी को पुलिस ने मुक्त करा लिया।
घटनाक्रम के अनुसार 12 अप्रैल, 2019 को फरियादी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी नाबालिग लड़की एवं भतीजी को कोई अज्ञात व्यक्ति अपहरण करके ले गया है। पुलिस ने अपहरणकर्ताओं की तलाश दिल्ली, आगरा और गुरुग्राम में की लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। आठ महीने बाद पुलिस को सूचना मिली कि जिला चिकित्सालय सागर में एक अज्ञात लड़की का शव रखा हुआ है, तो सुधीर वेगी थाना प्रभारी नोहटा ने फरियादी पक्ष को साथ में लेकर गए। वहां पहुंचने पर फरियादी ने शव की पहचान अपनी भतीजी के रूप में की। उसके बाद शव को परिजनों के सुपुर्द कर उसका दाह संस्कार किया गया।
उसके बाद फरियादी ने पुलिस को एक आवेदन पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि गांव के ही नोने सिंह ठाकुर, धर्मेंद्र रजक निवासी माल्थोन, एवं अशोक रैकवार निवासी घाट पिपरिया उक्त तीनों लोगों ने मिलकर मेरी बेटी एवं भतीजी के साथ मारपीट एवं दुराचार किया है। फरियादी ने यह भी आरोप लगाया कि 20 दिसम्बर को धर्मेंद्र रजक उसकी नाबालिग भतीजी को मोटरसाइकिल पर बैठाकर उसके घर आया था और उसने फरियादी को धमकी दी कि नोने सिंह ठाकुर उर्फ नरेंद्र ठाकुर की रिपोर्ट कटवा दो, नहीं तो हम आपकी लड़की को जान से मार देंगे। फरियादी की भतीजी ने बताया कि नोने सिंह, धर्मेंद्र रजक, एवं अशोक रैकवार, तीनों लोग मेरे एवं मेरी बहन के साथ मारपीट करते हैं और गंदा काम भी करते हैं। इतना कहने के बाद धर्मेंद्र रजक फरियादी की भतीजी को लेकर चला गया।
पुलिस द्वारा विवेचना में धारा 366, 376 डी और पॉक्सो एक्ट बढ़ा कर आरोपितों की तलाश शुरू की गई तो 29 दिसम्बर को आरोपित धर्मेंद्र रजक निवासी मालथोन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसने पुलिस को बताया कि नोने सिंह ठाकुर गुरुग्राम सेक्टर 49, हरियाणा में रहता है। इसके बाद एक पुलिस टीम गुरुग्राम भेजी गई। वहां पर पहुंचने पर पुलिस टीम को पता चला कि नरेंद्र यहां से काम छोड़ कर आगरा की तरफ चला गया है। पुलिस आगरा पहुंची और अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाकर लड़की को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
लड़की ने बताया कि दिनांक 11 अप्रैल, 2019 को ग्राम के नोने सिंह ठाकुर, धर्मेंद्र रजक उसे एवं उसकी चचेरी बहन को बहला-फुसलाकर गांव से भगा कर ले गये थे। रास्ते में अशोक रैकवार भी शामिल हो गया। तीनों आरोपितों ने दोनों बहनों के साथ मारपीट कर दुराचार किया एवं नोने सिंह एवं अशोक रैकवार ने मेरी बहन को धर्मेंद्र रजक के हाथों बेच भी दिया था। अशोक रैकवार गुरुग्राम को छोड़कर आगरा में रहने लगा था। पहली जनवरी, 2020 को आरोपित नोने सिंह ठाकुर एवं अशोक रैकवार अपहर्ता को लेकर कहीं बाहर जाने की फिराक में थे, तभी पुलिस की टीम ने दबिश देकर अपहरणकर्ताओं को दबोच लिया और अपहृत लड़की को रिहा करा लिया। आरोपित अशोक रैकवार निवासी घाट पिपरिया थाना हिंडोरिया एवं नोने सिंह को रेलवे स्टेशन कैंट आगरा से गिरफ्तार कर नोहटा थाने लाया गया।