भोपाल। मध्य प्रदेश में बीते कुछ महीनों के दौरान मिलावटी दूध, पनीर, मावा और घी मिलने के मामले तेजी से बढ़े हैं। मिलावट के मामले में सरकार ने सख्त रुख अपनाया है, लेकिन मिलावटखोरों के खिलाफ सरकार की सख्ती के बावजूद इस पर लगाम नहीं लग पा रही है। मिलावटी दूध को लेकर प्रदेशभर से सामने आ रहे मामलों को देखते हुए शासन-प्रशासन हरकत में आ गया है। इसी कड़ी में शनिवार देर शाम को क्राइम ब्रांच की टीम ने नकली दूध का गोरखधंधा करने वालों पर बड़ी कार्रवाई की है। भोपाल क्राइम ब्रांच ने यह कार्रवाई शुद्ध के लिए युद्ध को लेकर चल रहे अभियान के तहत की है।
दरअसल क्राइम ब्रांच की टीम को सूचना मिली थी कि मुल्ताई से 20 हजार लीटर दूध लेकर भोपाल स्थित सांची दुग्ध संघ के प्लांट से आने वाले एक टैंकर में से कुछ लोग दूध निकालकर उसकी जगह गंदा पानी और यूरिया मिला देते हैं। सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच एएसपी निश्चल एन झारिया टीम के साथ मिसरोद मंडीदीप की सीमा पर रेलवे क्रॉसिंग के पास सड़क किनारे एक ढाबे के पास पहुंचे। जहां उन्हें दूध का टैंकर एमपी13-एच-2178 खड़ा मिला। पुलिस को देखकर ढाबा संचालक और कुछ अन्य लोग भाग निकले जबकि टैंकर का ड्राइवर फरहान पकड़ा गया। टीम के जांच करने पर टैंकर की लगी सील टूटी मिली। पूछताछ में पता चला कि इस टैंकर से 36 केनों में दूध निकाला जा चुका है। आरोपी टैंकर से निकाले गए दूध के बदले यूरिया निर्मित सिंथेटिक दूध और गंदे पानी से बना नकली दूध मिलाते थे, जिससे चोरी का पता न चल सके। आरोपित करीब 1000 से 1500 लीटर नकली दूध तैयार करते थे और फिर इस नकली दूध को सांची दूध के टैंकर में मिलाकर भोपाल भेजा जाता था।
जीपीएस निकालकर रख देते थे पंचर की दुकान पर
भोपाल दुग्ध संघ के टैंकरों की लोकेशन पता करने के लिए उनमें जीपीएस सिस्टम लगाए गए हैं। लेकिन आरोपी इतने शातिर थे कि उनकी चोरी पकड़ी ना जाए इसके लिए टैंकर का ड्राइवर और मिलावटखोर टैंकर का जीपीएस सिस्टम निकालकर सड़क किनारे एक पंक्चर की दुकान पर रख देखे थे। ताकि टैंकर की लोकेशन होशंगाबाद हाईवे पर मिले। इसके बाद सुनसान इलाके में टैंकर ले जाकर दूध में मिलावट के काले कारनामे को अंजाम देते थे। क्राइम ब्रांच ने मौके से 50-50 लीटर की 36 कैन, यूरिया की बोरियां, दूध निकालने के पाइप एवं टैंकर जब्त किए हैं। एएसपी झारिया ने बताया फिलहाल दो लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह से कौन-कौन लोग जुड़े हैं और यह धंधा कब से चल रहा है, इसकी जांच की जाएगी। पुलिस ने बताया कि आरटीओ रिकॉर्ड में टैंकर उज्जैन निवासी पूजा पांडे के नाम रजिस्टर्ड है।