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राजस्थान के निम्बाहेड़ा से टॉवर में लगी बैट्री चुराकर भाग रहे चोरों की गाड़ी मल्हारगढ़ इलाके में कीचड़ में फंस गई। इसके बाद चोर बैट्रियों से भरी गाड़ी वहीं छोड़कर मौके से भाग गए। पुलिस और टावर कर्मचारी ने मौके पर पहुंचकर गाड़ी को अपने कब्जे में ले लिया। जानकारी के मुताबिक चुराई गई बैट्री की कीमत चार लाख से ज्यादा है। पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज कर आरोपितों की तलाश तेज कर दी है। पुलिस के मुताबिक चोरी की वारदात को अंजाम देने वाला गिरोह मंदसौर का ही है और निम्बाहेड़ा से पहले राजस्थान के प्रतापगढ़ में भी टावर से बैट्री चुराने की वारदात कर चुका है।
गिरोह राजस्थान के निम्बाहेड़ा से मोबाइल टावर की बैट्री चुराकर मंदसौर की तरफ आ रहा था। चोरी की वारदात का पता चलते ही टावर पर तैनात कर्मचारी ने पुलिस को इसकी सूचना दी और शक के आधार पर एक टैंपो का पीछा करना शुरू कर दिया। रास्ते में पुलिस ने नयागांव टोल टैक्स पर रूककर जब फुटेज जांचे तो एक संदिग्ध गाड़ी नजर आई। इसके बाद पुलिस की टीम उस गाड़ी के पीछे लग गई। पुलिस को अपने पीछे आता देख टैंपो में सवार चोरों ने गाड़ी को खेत में उतार दिया। लेकिन बारिश के चलते खेतों में पानी भरा था, इसलिए चोरी की बैट्री से भरी इनकी गाड़ी कीचड़ में फंस गई। चोरों ने गाड़ी निकालने के लिए काफी कोशिश की। लेकिन पीछे से पुलिस को आता देख वो गाड़ी को उसी हाल में छोड़कर खेतों के रास्ते भाग निकले। इसके बाद मौके पर पहुंचीं पुलिस ने गाड़ी को जब्त कर उसकी तलाशी ली। पुलिस को मौके से चोरी की बैट्रियां मिल गई हैं।
बता दें कि टावर में लगी बैट्रियों में शीशा होता है। जो इंवर्टर बनाने का काम आता है और 300-400 रुपए किलो में बिकता है। इसलिए चोर इन बैट्रियों से शीशा निकालकर उसे बाजार में बेच देते हैं और इससे उनकी मोटी कमाई होती है और वो पकड़ में भी नहीं आते हैं। ऐसे कई गिरोह राजस्थान की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के कई जिलों में सक्रिय हैं।
Kolar News
3 October 2019
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