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ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रहे ग्वालियर पुलिस के एक हवलदार हबीबगंज स्टेशन पर ट्रेन व प्लेटफार्म के बीच फंस गए और 5 फीट तक घिसटते रहे। लेकिन प्लेटफार्म पर ड्यूटी कर रहे एक जीआरपी जवान व ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों की सूझबूझ से उनकी जान बच गई। जीआरपी के जवान ने हवलदार को बचाने ट्रेन के साथ-साथ दौड़ लगा दी और यात्रियों से तुरंत ट्रेन की चेनपुलिंग करने को कहा।
यात्रियों ने भी बिना देर किए चेनपुलिंग कर ट्रेन रोक दी। तब तक हवलदार ट्रैक पर चले गए थे, जिन्हें निकाला गया। हवलदार के सिर व पैर में गंभीर चोटें आई। उन्हें 108 की मदद से जेपी अस्पताल भेजा गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद परिजनों ने एक निजी अस्पताल भर्ती कराया है। घटना शुक्रवार सुबह 9 बजे हबीबगंज स्टेशन के प्लेटफार्म-3 पर झेलम एक्सप्रेस में हुई।
घायल हवलदार 57 वर्षीय रामनरेश सिंह भदौरिया ग्वालियर के आंतरी थाने में तैनात हैं। वे पत्नी रमा भदौरिया व बच्चों के साथ 13 अगस्त को त्रयंबकेश्वर तीर्थ गए थे। जहां नाग पंचमी के दिन उन्होंने महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की और शिर्डी से सांई बाबा के दर्शन कर 16 अगस्त को मनमाड़ स्टेशन से झेलम एक्सप्रेस के कोच एस-5 की 29, 30 व 31 नंबर बर्थ पर ग्वालियर की यात्रा कर रहे थे। शुक्रवार सुबह 9 बजे ट्रेन हबीबगंज स्टेशन के प्लेटफार्म-3 पर रुकी थी। तब हवलदार दुकान से खाने-पीने की सामग्री खरीदने प्लेटफार्म पर उतरे थे।
ट्रेन चलने लगी तो वे एस-5 से पीछे वाले कोच में चढ़ने की कोशिश करने लगे। इस दौरान वे प्लेटफार्म व ट्रेन के बीच में फंस गए। यह देख ट्रेन में सफर करने वाले व प्लेटफार्म पर खड़े यात्री बचाओ-बचाओ कर चिल्लाने लगे। यह नजारा प्लेटफार्म पर गश्ती कर रहे जीआरपी जवान कैलाश कुशवाह ने देख लिया। आरक्षक ट्रेन के साथ दौड़ा और यात्रियों से चेनपुलिंग कराकर ट्रेन रोकी और घायल हवलदार को बाहर निकालकर अस्पताल भेजा।
हबीबगंज स्टेशन से ट्रेन चलने के बाद एक बार रुकी थी। तब मैंने सोचा कि वे पीछे (रामनरेश सिंह भदौरिया) के डिब्बे में चढ़ गए होंगे। जब दोबारा ट्रेन चलने लगी और वे नहीं आए तो घबरा गई। उनके मोबाइल पर लगातार संपर्क करती रही, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया। तब मुझे कुछ आशंका होने लगी तब तक ट्रेन भोपाल स्टेशन पर पहुंच गई। इसी बीच जीआरपी जवानों ने फोन कर हादसे की जानकारी दी। मैं परिवार के साथ जेपी अस्पताल पहुंची, जहां से उन्हें नर्मदा अस्पताल में भर्ती कराया है। उनके सिर पर गंभीर चोट आई है। पैर में भी टांके लगे हैं। जीआरपी जवान समेत जिन लोगों ने मेरे पति की जान बचाने में मदद की, मैं उन्हें कभी नहीं भूल पाऊंगी।
हबीबगंज स्टेशन पर एक महीने में ट्रेन से गिरने की यह तीसरी घटना है। इसमें से दो यात्रियों की मौत हो चुकी है। जुलाई के आखिरी सप्ताह में हबीबगंज से छिंदवाड़ा जा रहे नारायण सिंह पातालकोट एक्सप्रेस से गिर गए थे। उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। यह घटना रात 1 बजे हुई थी। इसी दिन सुबह राप्तीसागर एक्सप्रेस से एक महिला उतरने का प्रयास कर रही थी जो प्लेटफार्म व ट्रेन के बीच चली गई। महिला की मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके अलावा भोपाल स्टेशन पर भोपाल-प्रतापगढ़ एक्सप्रेस से उतरने की कोशिश में एक यात्री ट्रैक पर चला गया, जिसकी मौत हो गई। इस तरह भोपाल व हबीबगंज स्टेशन पर एक महीने में इस तरह की चार घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें तीन की जान चली गई।
थाना प्रभारी जीआरपी बीएल सेन ने बताया जवान कैलाश कुशवाह मौके पर तैनात था जिसकी सूझबूझ से ट्रेन को जल्दी रोक लिया गया। इसमें यात्रियों ने भी मदद की। सभी के प्रयास से यात्री की जान बच गई। हालांकि यात्री को गंभीर चोटें आईं हैं।
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