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साधारण परिवार में पला-बढ़ा नितेश विश्वकर्मा(27)कुशाग्र बुद्धि का था। एमटेक की पढ़ाई करने के बाद वह सरकारी नौकरी हासिल करने की तैयारी में था। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए सुबह कलियासोत डेम पहुंचा नितेश डेम में डूब गया। वह घर से निकलते समय पिता से कहकर गया था कि पापा में अभी आता हूं। लेकिन फिर कभी लौटकर आने के लिए चला गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कमला नगर पुलिस के मुताबिक नितेश पुत्र कामता प्रसाद विश्वकर्मा कोलार रोड स्थित सर्वधर्म बी सेक्टर में रहता था। कामता प्रसाद वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। उनके दो बड़े बेटे निजी काम करते हैं। तीन भाईयों में नितेश सबसे अधिक पढ़ा लिया था। परिवार में सबसे छोटी उसकी बहन है। नितेश रविवार सुबह अपने दोस्तों अर्पित, और मोहल्ले में रहने वाले बट्टू उर्फ रामू और रवि के साथ निकला था। अर्पित,10 नंबर बाजार स्थित एक मोबाइल की दुकान पर काम करता है। रामू की नगर निगम में पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति मिली है,जबकि रवि एक निजी फर्म में काम करता है। चारों दोस्त बाइक से करीब 11 बजे कलियासोत डेम स्थित दशहरा मैदान के पास पहुंचे थे। वहां शराब पीने का दौर चला।
दोपहर करीब डेढ़ बजे गर्मी लगने पर रामू और रवि के साथ नितेश भी नहाने के लिए पानी में उतर गया,जबकि अर्पित किनारे पर बैठा रहा। तैरना नहीं आने के कारण नितेश गहरे पानी में डूबने लगा। रामू और रवि ने पहले उसे बचाने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं होने पर दोनों बाहर निकल आए। इसके बाद बाइक लेकर वहां से भाग निकले।
कमला नगर पुलिस के मुताबिक घटनास्थल से कुछ दूर शबरी नगर निवासी लालसिंह पारदी(75) बैठा मछली पकड़ रहा था। उसने घटना देखने के बाद अपनी बस्ती में जाकर लोगों को बताया। इस तरह करीब तीन बजे पुलिस को घटना की सूचना मिली। सूचना मिलने पर गोताखोरों ने काफी कोशिश की,लेकिन रविवार शाम तक नितेश का कुछ भी पता नहीं चल सका। यहां कि नितेश के परिजनों को भी घटना का पता शाम को चल पाया। सोमवार को सुबह से पुनः गोताखोरों ने नितेश की तलाश की। दोपहर करीब एक बजे नितेश का शव डेम से बाहर निकाला जा सका।
नितेश के पिता कामता प्रसाद घटना के बाद काफी सदमे में हैं। नितेश पर पूरे परिवार की उम्मीदें टिकी थीं। उनका कहना है कि नितेश तैरना नहीं जानता था,इसलिए पानी से हमेशा दूर रहता था। उसके साथ कुछ न कुछ अनहोनी हुई है। इस मामले की निष्पक्ष जांच होना चाहिए। उन्होंने बताया कि रविवार सुबह 9 बजे सभी लोग घर पर थे। जब नितेश के दोस्त उसे बुलाने आए तो उन्होंने नितेश को टोका भी था कि बेटा आज संडे है। घर का कुछ काम करना है। इस पर नितेश यह कहते हुए निकला था,कि पापा में अभी आता हूं...। उन्हें क्या पता था कि उनका बेटा अब कभी नहीं आएगा। पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है।
Kolar News
10 July 2018
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