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भोपाल के कोलार इलाके के एलएन मेडिकल कॉलेज के छात्र यश पाठे को प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में फरार चल रही गैंग लीडर और एक साथी को कोतवाली पुलिस ने पुणे से गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल कर ली है। दोनों को कोतवाली पुलिस की टीम बैतूल लेकर देर रात तक पहुंच जाएगी।
रसूखदार परिवार से ताल्लुक रखने वाली श्रुति शर्मा और शालीन उपाध्याय की सरगर्मी से तलाश में पुलिस की टीमें जुटी हुई थी। भोपाल में यह जानकारी मिली थी कि दोनों पुणे में अपने किसी दोस्त के घर में छुपे हैं। इसके बाद कोतवाली पुलिस की टीम रविवार को पुणे पहुंची और खोजबीन करने में जुट गई थी। दो दिन की मशक्कत के बाद मंगलवार को कोतवाली पुलिस दोनों को खोजने में सफल हो पाई है।
उल्लेखनीय है कि भोपाल के एलएन मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे बैतूल जिले के छात्र यश पाठे की आत्महत्या मामले में पुलिस ने भोपाल निवासी शीलीन उपाध्याय, गौरव दुबे, आकाश सोनी, श्रुति शर्मा और सतना निवासी कार्तिक खरे के खिलाफ धारा 306, 34 का मामला दर्ज किया है। भोपाल से बैतूल की कोतवाली पुलिस पहले ही गौरव और आकाश को गिरफ्तार कर चुकी है। अब गैंग लीडर श्रुति शर्मा और शालीन उपाध्याय के गिरफ्तार हो जाने के बाद सतना निवासी कार्तिक खरे ही पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो देर रात्रि तक दोनों आरोपितों को बैतूल लेकर पुलिस की टीम पहुंच जाएगी। इनसे पूछताछ के बाद बुधवार को न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया जाएगा।
यश पाठे की आत्महत्या के मामले में जांच कर रही कोतवाली पुलिस को यह जानकारी मिली है कि आरोपित छात्र श्रुति शर्मा के इशारे पर काम करते थे और 11 एवं 12 जून को मृतक के कमरे पर जाकर उसके साथ मारपीट भी की थी। गैंग की सरगना कॉलेज में पढ़ने आने वाले अन्य जिलों के छात्र-छात्राओं को अपना निशाना बनाती है। पुलिस के अनुसार श्रुति शर्मा के पिता सत्यनारायण शर्मा विधानसभा के पूर्व सचिव रह चुके हैं इस कारण से वह धौंस देकर छात्र-छात्राओं को प्रताड़ित करती थी।
स्कूल पढ़ने के दौरान राजधानी के एक प्रतिष्ठित गर्ल्स स्कूल में सुतली बम फोड़ने के पीछे हाथ होने के बाद पहली बार श्रुति शर्मा चर्चा में आई थी। तब उसके पिता और तत्कालीन विधानसभा के सचिव के रसूख के कारण मामला दब गया था। कॉलेज लाइफ में श्रुति नशेड़ी युवाओं के साथ देखी जाती थी। सिगरेट, शराब के साथ ही ड्रग्स का सेवन करने वाले ग्रुप में उसे 'दीदी" के नाम से जाना जाता था। जिस भी युवा को नशे की तलब लगती थी, वह दीदी के पास जा पहुंचता था। श्रुति का संपर्क शहर में सक्रिय ड्रग माफिया के लिए काम करने वाले अपराधियों से भी था। उनका इस्तेमाल वह कॉलेज में किसी साथी की शिकायत होने पर शिकायतकर्ताओं को पिटवाने के लिए करती थी। यश पाठे के साथ भी ऐसे लोगों ने बेरहमी से मारपीट की थी।
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