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बावड़ियाकलां में मुख्य सड़क के किनारे स्थित लक्ष्मी परिसर कॉलोनी के बेशकीमती भूखंड का फर्जी दस्तावेज से रजिस्ट्री कराने का मामला सामने आया है। शिकायत पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी, जिस पर पीड़ित ने कोर्ट में गुहार लगाई थी। अब कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
शाहपुरा पुलिस के अनुसार शाहपुरा निवासी गिरीश साव बिल्डर हैं। बावड़ियाकलां स्थित लक्ष्मी परिसर कॉलोनी उनके द्वारा डेवलप की गई है। परिसर का मुख्य सड़क किनारे करोड़ों रुपए का एक प्लॉट है। इस पर गिरीश का सालों से कब्जा भी है लेकिन देवेंद्र रघुवंशी नाम का व्यक्ति इस प्लॉट पर अपनी दावेदारी जता रहा था। 14 साल पहले उसने प्लॉट की रजिस्ट्री भी करा ली थी। इसे लेकर गिरीश ने कोर्ट में केस दायर किया था। अब कोर्ट ने इस मामले में देवेंद्र समेत तीन आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। जांच अधिकारी एसआई आरके मिश्रा के अनुसार राजस्व रिकॉर्ड में प्लॉट के पूरे कागजात गिरीश के नाम पर हैं। पटवारी के रिकॉर्ड में भी उनका ही नाम है। इधर, देवेंद्र का कहना है कि उसने यह प्लॉट पारिका सोसायटी के माध्यम से खरीदा था। देवेंद्र ने भूखंड से संबंधित दस्तावेज कोर्ट में पेश किए थे। इस मामले में पारिका सोसायटी के दो पदाधिकारियों राजीव और पुरुषोत्तम को भी आरोपित बनाया गया है। बात दें कि इस विवादित प्लॉट पर पूर्व में भी कई लोग अपना दावा जता चुके हैं।
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