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पुलिस का खौफ कितना खतरनाक होता है इसका अंदाजा बजरिया थाना क्षेत्र के योगेंद्र फांसीकांड से लगाया जा सकता है। रविवार को पुलिस की धमकियों से वह इतना खौफजदा हो गया कि उसने जीवन खत्म करने का फैसला कर लिया। सुबह, दोपहर, शाम लगातार पांच दिनों से घर हो रही पुलिस की दबिश और परिजन को दी जा रही धमकियों ने पूरे परिवार को दहशत में डाल दिया था।
परिजन योगेंद्र को को थाने जाकर अपनी बात रखने बोल रहे थे, लेकिन वह हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। अंदर-अंदर पुलिस के खौफ से वह इस कदर डर चुका था कि दिन भर घर से बाहर रहता था। रात में आने पर भाई, मां से बात भी नहीं करता था। दोस्तों से भी उसने दूरी बना ली थी। फांसी लगाने से दो दिन पहले जब मां ने अपना बस्ता दिया तो 20 वर्षीय योगेंद्र फूट-फूटकर रोने लगा। बोला, वो मुझे फंसा रहे हैं। मेरे नाखून उखाड़कर बहुत मारेंगे। मैंने कुछ नहीं किया। मुझे फांसी हो जाएगी। मुझे नहीं पता पुलिस क्यों फंसाना चाहती है।
अपने बेटे की शादी का सपना संजोए मां की आंखों से आंसू थम नहीं रहे हैं। योगेंद्र की मनःस्थिति नवदुनिया से साझा करते हुए मां रानी ठाकुर ने बताया कि शुक्रवार को जब मैंने उसे अपना वास्ता दिया तो वह रोने लगा। उस दौरान उसने बताया था कि उसका क्राइम ब्रांच के गब्बर ड्राइवर से विवाद हुआ था। इसके बाद गब्बर पुलिस की धौंस देकर धमकाने लगा था। पहली बार गुरूवार को जब पुलिस घर आई और इसकी जानकारी योगेंद्र को दी गई तो सुनते ही घबरा गया। इसके बाद वह देर रात घर आने लगा और पुलिस रोजाना चक्कर लगाने लगी। योगेंद्र के भाई नरेंद्र ने बताया कि पुलिस जब भी घर आई, हर बार धमकी देकर ही गई। घर पर जो मिलता था उसका फोटो लेते थे और मोबाइल चेक करते थे। एमपी नगर थाने से आने वाली पुलिस टीम से जब बार-बार घर आने की वजह पूछी तो उसने बताया था कि हबीबगंज गैंगरेप मामले में योगेंद्र से पूछताछ करना है। टीम में विक्रम नाम का सिपाही था, जिसका मोबाइल नंबर नरेंद्र से उससे लिया था। योगेंद्र द्वारा फांसी लगा लेने के बाद अब विक्रम भी मोबाइल कॉल रिसीव नहीं कर रहा है।
योगेंद्र की तलाश में पुलिस उसकी मौसी के कमला नगर स्थित घर पर भी गई थी। मौसी रेखा ठाकुर ने बताया कि योगेंद्र ने पिछले छह माह से मोबाइल भी रखना बंद कर दिया था। वो बेहद हसमुख था और सादगी के साथ रहता था। योगेंद्र ने डांस में नाम कमाने का सपना संजोया था। शहर में स्टेज शो से अपना खर्च भी निकाल लेता था। जब पुलिस को बताया कि योगेंद्र मोबाइल नहीं रखता था कि तो पुलिस ने यकीन नहीं किया।
योगेंद्र ने शादी के लिए अपनी पसंद की लड़की को चुन लिया था। घर में भी तमाम सदस्यों को उसने बात बताई थी। दोनों ही पक्ष की रजामंदी से शादी की बात भी चली। परिवार वालों ने बताया कि तनाव को कम करने के लिए योगेंद्र से लड़की देखने जाने की बात की थी। सोमवार को लड़की के परिवार वालों से मिलना तय किया गया, लेकिन सोमवार की सुबह योगेंद्र की अर्थी निकली।
मैं लक्की उर्फ योगेंद्र सिंह ठाकुर अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रहा हूं। इसकी वजह से मेरे परिवार को परेशान न किया जाए। कहना तो बहुत कुछ चाहता हूं पर मम्मी बस इतना कहूंगा मेरा पोस्टमार्टम मत होने देना। मैं जानता हूं आपको मुझ पर भरोसा है। आपकी कसम खाता हूं। मैंने ये फैसला सोच समझ कर ही किया है। मैंने जब किसी का गलत सोचा तक नहीं तो गलत करूंगा कैसे। मैं बस इतना चाहता हूं मुझे समझने की कोशिश करना। मैं भी जीना चाहता था। मेरे भी कुछ सपने थे। मैं भी आपके लिए कुछ करना चाहता था। मैं यही चाहता हूं कि आप कभी हिम्मत न हारें और हमेशा खुश रहना। अय्यु का ख्याल रखना। आपका बेटा कभी गलत नहीं था। भाई से बोलना किसी से कुछ न बोलें। अपनी जिंदगी पर ध्यान दें। मैं सब को देख लूंगा। आई एम सॉरी योगेंद्र लक्की।
व्यक्ति पर अचानक बहुत ज्यादा तनाव आने पर उसमें सामना करने की ताकत कम हो जाती है। जिससे उसे यह कदम उठाने पड़ते हैं। कुछ लोग बहुत ज्यादा संवेदनशील होते हैं। उनमें तनाव को झेलने की शक्ति कम होती है और लोगों पर विश्वास कम हो जाता है। उन्हें जिंदगी से लगाव खत्म हो जाता है। ऐसे लोग आत्महत्या के कदम उठा लेते हैं। तनाव जैसी स्थिति बनने पर अपनी परेशानी और बातों को दूसरों से शेयर करना चाहिए। परिवार के सदस्यों को ऐसी परिस्थितियों में संबंधित व्यक्ति को अकेले नहीं छोड़ना चाहिए। उसकी बात सुनकर समझना चाहिए - राहुल शर्मा, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट
धर्मवीर सिंह, एएसपी ने बताया कि योगेंद्र ठाकुर द्वारा खुदकुशी के मामले में बजरिया पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अभी परिजनों ने अपने बयान दर्ज नहीं कराए हैं। पिछले दिनों एमपी नगर में एक महिला के चेहरे पर ब्लेड मारने की घटना हुई थी। उसमें मुखबिर ने संदेही के तौर पर लकी का नाम बताया था। इस वजह से एमपी नगर पुलिस लकी से पूछताछ करने गई थी। लकी के पास से मिले सुसाइड नोट में किसी पुलिसकर्मी का जिक्र नहीं है। परिजनों के बयानों की जांच करने पर जो भी दोषी मिलेगा,उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एमपी नगर थाने से पुलिसकर्मी विक्रम और क्राइमबांच के ड्राइवर गब्बर द्वारा हबीबगंज गैंगरेप मामले में धमकी की भी जांच की जा रही है -
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