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भोपाल की विशेष अदालत ने सिमी सरगना अबु फैजल और एक अन्य आतंकी शराफत अली को 7 साल कैद और 4 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। मामले में एक अन्य आरोपी आतंकी मोहम्मद असलम उर्फ बिलाल तेलंगाना पुलिस से हुई मुठभेड़ में मारा गया है। फैसला मंगलवार को विशेष न्यायाधीश गिरीश दीक्षित ने सुनाया। अभियोजन अनुसार घटना 28 जनवरी 2010 की दोपहर 3 बजे से 4 बजे के बीच इटारसी स्थित भारतीय स्टेट बैंक के पास हुई थी। बिजली विभाग में कार्यरत फरियादी कमलेश राठौर ने इटारसी थाने में अपनी बाइक चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने चोरी का प्रकरण दर्ज किया। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि बाइक नागदा, उज्जैन के बिरलाग्राम थाने में एक आपराधिक प्रकरण में जप्त हुई है। इटारसी पुलिस जब यहां पहुंची तो बाइक चोरी की वारदात सिमी सरगना अबु फैजल, आतंकी शराफत अली और मोहम्मद असलम उर्फ बिलाल द्वारा करना सामने आया। तीनों ने मिलकर बैंक डकैती, हत्या जैसी वारदात करने का षडयंत्र बनाया था। इसके लिए आतंकियों ने इटारसी से बाइक चोरी करके उसकी नंबर प्लेट बदल दी और नागदा स्थित केनरा बैेंक में डकैती की घटना को अंजाम दिया। डकैती की वारदात करने के बाद आतंकियों ने दोबारा से चोरी की बाइक की नंबर प्लेट बदलकर भैरूलाल टोंक नामक व्यक्ति की हत्या करने का प्रयास किया था। पुलिस ने सभी सिमी आतंकियों के खिलाफ चोरी, डकैती, धोखाधड़ी, जालसाजी, षडयंत्र का अपराध कायम कर मामले का चालान अदालत में पेश किया था। अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान आतंकी अबु फैजल और शराफत अली को दोषी पाते हुए उक्त सजा का फैसला सुनाया है।
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