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जहरीला पदार्थ खाने से हुई भाई की मौत का सदमा इतना गहरा लगा कि बहन तालाब में अपनी जान देने कूदने पहुंच गई। डॉयल-100 ने मौके पर पहुंचकर उसे बचाया। इधर, युवक की मां पोस्टमार्टम नहीं कराने को लेकर अड़ गई। हालांकि शाम को पीएम के बाद शव को मर्चुरी में रखवा दिया।
निशातपुरा पुलिस के मुताबिक देवकी नगर निवासी सोहनसिंह पुत्र स्व.देवीसिंह ने 10 सितंबर को जहरीला पदार्थ खा लिया था। उसकी मां ने उसे साईं अस्पताल में भर्ती कराया। स्थिति बिगड़ने पर 11 सितंबर को बंसल अस्पताल में भर्ती कराया था। शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे सोहन की मौत हो गई।
सोहन की मौत की सूचना मिलते ही उसकी मां और बहन बदहवास हो गए। रात करीब 10ः30 बजे सोहन की बहन चुपचाप बंसल अस्पताल से निकलकर शाहपुरा तालाब की ओर चल पड़ी। यह देखकर उसका पति दीपेंद्र सिंह उसके पीछे दौड़ा, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी। दीपेंद्र ने तुरंत डॉयल-100 को सूचना दी। पांच मिनट में पुलिस मौके पर पहुंची। वैन में मौजूद हवलदार ओपी जोशी, सिपाही पिंकू जाट ने एक महिला आरक्षक की मदद से युवती को तालाब में कूदने से बचा लिया।
बहन के साथ ही सोहन की मां भी बेटे के गम में सुधबुध खो चुकी थी। शनिवार सुबह पुलिस सोहन के शव के पोस्टमार्टम की तैयारी में थी, लेकिन मां-बेटी राजी नहीं हो रही थीं। दोनों सोहन की मौत के लिए कई लोगों पर आरोप लगा रही थीं। कुछ रिश्तेदारों ने उन्हें समझाने की कोशिश भी की, लेकिन वह मानने को तैयार ही नहीं थीं। शाम को किसी तरह पीएम करने के बाद शव को फ्रीजर में रखवाया। रविवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा।
घर में मां के साथ सोहन ही रहता था। बीए करने के बाद वह बेरोजगार था। पिता देवीसिंह नगर निगम में नौकरी करते थे। एक वर्ष पहले उनकी मौत हो गई। पिता के स्थान पर सोहन को अनुकंपा नियुक्ति के लिए भी कार्रवाई चल रही थी। सोहन के पड़ोसियों ने बताया सोहन का एक बड़ा भाई जीतेंद्र ने 10 वर्ष पहले खुदकुशी कर ली थी। पति की पेंशन और मकान में बनी दुकानों के किराए से मां-बेटे का खर्चा चल रहा था। निशातपुरा सीएसपी लोकेश सिन्हा ने बताया सोहन के परिजनों की मानसिक स्थिति सामान्य होने पर बयान लिए जाएंगे। इसके बाद खुदकुशी की वजह स्पष्ट हो सकेगी।
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