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मध्यप्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर कई दावे किए जाते हैं लेकिन ऐसे मामलों से निपटने में प्रदेश की पुलिस कितनी गंभीरता बरतती है इसका उदाहरण भोपाल में देखने को मिला। एक महिला डॉक्टर ने बीती रात अपने साथ हुई हरकत के बारे में जब हनुमानगंज पुलिस को फोन किया तो फोन उठाने वाले पुलिसकर्मी ने महिला डॉक्टर से कहा कि चिंता मत कीजिए, ऐसा तो होता रहता है। महिला डॉक्टर ने इस पूरे वाकये को फेसबुक पर पोस्ट करते हुए पुलिस के इस रवैये को शर्मनाक बताया। डॉक्टर के इस पोस्ट पर गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कार्रवाई करते हुए लापरवाह प्रधान आरक्षक को सस्पेंड कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक गीतांजलि शर्मा नामक डॉक्टर काम के सिलसिले में बाहर गई थीं और भोपाल लौटते समय ट्रैफिक डायवर्शन के कारण उन्हें हनुमानगंज इलाके से गुजरना पड़ा। इसी दौरान उनके साथ हुए वाकये को उन्होंने फेसबुक पर शेयर किया। डॉ. गीतांजलि ने लिखा कि वे जब हनुमानगंज इलाके से गुजर रहींं थी तब मारूती कार में सवार 4 युवकों ने उनसे बदतमीजी की और उन्हें रोकने का प्रयास किया। वे जैसे-तैसे वहां से बाहर निकलीं। घर आकर उन्होंने एक वेबसाइट से हनुमानगंज पुलिस स्टेशन के डायल 100 पर फोन लगाकर पूरा वाकया बताया तो प्रधान आरक्षक गणेश प्रसाद ने फोन उठाकर कहा कि मैडम चिंता मत कीजिए, ऐसा तो होता रहता है। पुलिसकर्मी के इस जवाब से नाराज डॉ. गीतांजलि ने अपनी भड़ास फेसबुक पर अपनी वॉल पर पोस्ट किया।
ये पोस्ट काफी तेजी से वायरल हुआ और पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठे। मामला गृहमंत्रालय तक पहुंचा। पुलिसकर्मी के रवैये से नाराज गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने तत्काल गणेश प्रसाद को निलंबित करने के आदेश दिए। साथ ही इस पूरे मामले की जांच वरिष्ठ अधिकारियोंं को करने को भी कहा है।
गृहमंत्री सिंह ने बताया कि पुलिस को महिला और बालिकाओं की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं।
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