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भाेपाल । बीना विधायक निर्मला सप्रे पर मध्य प्रदेश की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस ने विधायक निर्मला सप्रे की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इंदौर हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका दायर की है। इसके बाद जल्द ही अदालत से सुनवाई की तारीख मिलने की संभावना है। इसके साथ ही, कांग्रेस ने तय किया है कि 16 दिसंबर से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र में निर्मला सप्रे को पार्टी अपने खेमे में नहीं बैठाएगी। कांग्रेस, सत्र के पहले होने वाले विधायक दल की बैठक में भी निर्मला सप्रे को आमंत्रित नहीं करेगी।
कांग्रेस ने निर्मला सप्रे की सदस्यता को लेकर हाईकोर्ट जाने का मन बना लिया है। अभी तक विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का कांग्रेस को इंतजार था। पहले कांग्रेस विधायक दल ने विधानसभा अध्यक्ष से मामले की शिकायत की और इसपर जल्द कोई फैसला लिए जाने की मांग की थी। लेकिन अब तक कोई निर्णय न होने पर अब नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस मामले को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की है।
क्या है मामला
दरअसल, इस साल लोकसभा चुनाव से पहले निर्मला सप्रे ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ मंच साझा किया था। इसके बाद उनके कांग्रेस से मोहभंग की खबरें आती रही। लोकसभा चुनाव के बाद भी वो बीजेपी के कई कार्यक्रमों में नज़र आती रही हैं। लेकिन उन्होंने अपनी विधायकी से इस्तीफा नहीं दिया, न ही उन्होंने बीजेपी की सदस्यता लेने की बात ही कही है। निर्मला सप्रे बुधवार को बीजेपी में हुई बैठक के दौरान बीजेपी पार्टी मुख्यालय भी पहुंची थीं। लेकिन कांग्रेस ने अब मन बना लिया है कि वो विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में निर्मला सप्रे को कांग्रेस विधायक के तौर पर अपने साथ शामिल नहीं करेगी।
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