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भोपाल के कोलार इलाके में एक छात्रा नौ दिन पहले रहस्यमय स्थिति में बेहोशी की हालत में पाई गई थी, जो अभी भी अस्पताल में कोमा में है। पुलिस इसे दुर्घटना मान रही है, जबकि छात्रा के पिता ने हत्या की कोशिश करार दिया है। उन्होंने पुलिस में लिखित शिकायत दी है, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
यह घटना आयुर्वेदिक कॉलेज की छात्रा के साथ घटी है, जो नौ दिनों से कोमा में है और उसे एक अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया है। पुलिस छात्रा के पिता की लिखित शिकायत के बावजूद इसे दुर्घटना से ज्यादा कुछ मानने को तैयार नहीं है। पुलिस के अनुसार, चूना भट्टी क्षेत्र में बन रहे ब्रिज के पास रचना घायल अवस्था में मिली थी, जिसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह महज दुर्घटना का मामला है।
जबकि छात्रा के पिता के अनुसार, यह कहानी कुछ अलग ही है। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी के अस्पताल में भर्ती होने की सूचना कुछ युवकों ने बेटी के ही मोबाइल से उन्हें दी थी। वह जब छतरपुर से यहां पहुंचे तो उन युवकों ने उन्हें रचना का वाहन (होंडा एक्टिवा) और मोबाइल फोन सौंपा। इन्हीं छात्रों में से एक ने 108 नंबर पर फोन करके एम्बुलेंस बुलाई थी और पुलिस में दुर्घटना की रपट दर्ज कराई थी। ये छात्र विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाई करते हैं।
छात्रा के पिता का कहना है कि, “पड़ोसी भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि घटना की रात लगभग तीन से चार बजे के बीच तीन लड़के एक बड़ा-सा ब्रीफ केस लेकर कमरे से निकले थे, मगर उस वक्त उनके साथ छात्रा नहीं थी। अनुमान है कि उसी ब्रीफ केस में छात्रा को ले जाया गया होगा। उसके बाद वे तीनों युवक सुबह छह बजे दोबारा कमरे पर आए और ताला काटने लगे। जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने छात्रा के दुर्घटना में घायल होने की बात कही। साथ ही ताला बदल दिया।”
छात्रा के पिता ने कहा, “जब वह कमरे पर गए तो सामान फैला हुआ था, एक डिब्बे में पास्ता और भुनी हुई प्याज रखी थी। इससे लग रहा था कि बेटी उस वक्त खाने के लिए पास्ता बना रही होगी, जब उसके साथ वारदात हुई। मगर अगले दिन अस्पताल से घर पहुंचने पर हालात बदले थे, सब व्यवस्थित था। फैले हुए कपड़े सहेज के रख दिए गए थे। ऐसा इसलिए क्योंकि उन लड़कों ने नया ताला लगाया था, और सिर्फ दो चाबी ही उन्हें दी थी, एक अपने पास रख ली होगी। बाद में छात्रा के पिता ने ताला बदल दिया।” उन्होंने बताया, “बेटी के एटीएम, पासबुक आदि के बारे में तीनों छात्रों से चर्चा की, तो उन्होंने वह भी लाकर उन्हें सौंप दिया और कहा कि छात्रा का पालतू कुत्ता उनके (छात्रों) पास ही है। इसलिए उनका यह शक पक्का हो गया कि बेटी के साथ कोई अनहोनी हुई है। पिछले नौ दिनों से छात्रा एक निजी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती है और वह वेंटिलेटर पर है।”
पिता के अनुसार, छात्रा के माथे और कान के पीछे चोट है। जानकारों का मानना है कि कान के पीछे की चोट दुर्घटना में लगना आसान नहीं है। इसके पीछे कोई साजिश हो सकती है।
छात्रा के पिता ने बीते सोमवार को कोलार थाने में शिकायत दी, मगर पुलिस ने अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। इतना ही नहीं छात्रा के कमरे के पास रहने वालों ने जांच करने गए मुंशी इमरान के सामने तीन लड़कों के ब्रीफकेस में कुछ ले जाने और फिर दो घंटे बाद ताला काटने की पुष्टि भी की। ये तीनों लड़के लगातार अस्पताल भी आते हैं। छात्रा के पिता ने पुलिस को तीनों लड़कों की तस्वीरें दिखाई, मगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
कोलार थाने के प्रभारी कुंवर सिंह मुकाती ने बताया कि “छात्रा अपने एक मित्र के साथ मोटरसाइकिल पर थी, जो डिवाइडर से टकरा गई और दोनों घायल हो गए। जहां तक छात्रा के पिता और पड़ोसियों के बयान की बात है, उसी आधार पर पुलिस जांच कर रही है। छात्रा के साथ आश्रय नामक छात्र घायल हुआ था, वह धामनोद गया है, उसे भी बुलाया गया है।
Kolar News
15 June 2017
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