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अनिल दवे को दी गई अं‍तिम विदाई
अनिल दवे को दी गई अं‍तिम विदाई

केंद्रीय पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अनिल माधव दवे का अंतिम संस्कार गार्ड ऑफ ऑनर के साथ होशंगाबाद जिले में नर्मदा किनारे बांद्राभान आश्रम में हुआ। अनिल दवे के छोटे भाई ने उन्हें मुखाग्नि दी। गुरुवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था। दवे ने अपनी वसीयत में लिखा था कि उनका अंतिम संस्कार बांद्राभान में किया जाए।

'नर्मदा पुत्र' को अंतिम विदाई देने सीएम शिवराज सिंह चौहन, केंद्रीय मंत्री उमा भारती सहित कई केंद्रीय मंत्री, मप्र भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद रहे।

दवे ने अपनी वसीयत में लिखा था कि अंतिम संस्कार की सभी उत्तर क्रिया वैदिक कर्म के साथ ही संपन्न कराई जाए, जिसमें किसी भी प्रकार का आडंबर या दिखावा नहीं किया जाए। उन्होंने अपनी वसीयत में मुख्य रूप से इस बात का उल्लेख किया है कि मेरी मौत के बाद मेरी स्मृति में कोई स्मारक, प्रतियोगिता, पुरस्कार, प्रतिमा आदि न स्थापित की जाए। अगर कोई मुझे याद करना चाहता है तो वे पेड़ लगाकर उसका संरक्षण करे।उनकी इच्छा के मुताबिक वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बांद्राभान में उनका अंतिम संस्कार किया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान ने यहां पौध रोपण किया।

श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्व. अनिल दवे ने नर्मदा समग्र और नर्मदा संरक्षण को लेकर जो भी अभियान और काम शुरू किए हैं, उन्हें पूरा करना उनकी जिम्मेदारी है। उनकी पर्यावरण की चिंता को सरकार अभियान के रूप में लेगी। शिवराज ने कहा कि स्व. दवे का मिशन आगे भी चलता रहेगा। उनका नर्मदा समग्र का काम आगे बढ़ेगा। उन्होंने नर्मदा समग्र और मैंने नर्मदा सेवा यात्रा के लिए काम किया है। यह नर्मदा मैया को लेकर मेरी और उनकी समानता है। बांद्राभान में हर दो साल में लगने वाले नदी महोत्सव को सरकार चलाती रहेगी। स्व. दवे की पर्यावरण की चिंता को सरकार अभियान के तौर पर लेगी।  उन्हें सशस्त्रबल ने सलामी भी दी। दवे का कल हार्ट अटैक आने के बाद दिल्ली के एम्स में उपचार के दौरान निधन हो गया था।

बांद्राभान में दवे को उनके भाई अभय दवे ने मुखाग्नि दी। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संघ नेता सुरेश सोनी, भैय्याजी जोशी अरुण जैन के साथ केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार, नरेंद्र सिंह तोमर, डॉ. हर्षवर्द्धन, उमा भारती, विनय सहस्त्रबुद्धे, कैलाश विजयर्गीय, थावरचंद गेहलोत मौजूद थे। इससे पहले भोपाल के शिवाजी नगर स्थित नदी का घर से तिरंगे में लिपटा अनिल दवे का पार्थिव शरीर आज सुबह बांद्राभान के लिए रवाना हुआ। इससे वाहनों की लंबी कतार होशंगाबाद रोड पर लग गई थी।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आज दुर्ग जिले के पाटन में बने वन क्षेत्र में सांकरा प्लांटेशन प्लाट का नाम स्व. अनिल माधव दवे स्मृति वन करने का ऐलान किया। रमन सुराज अभियान के तहत यहां पहुंचे थे।

 

Kolar News 19 May 2017

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