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अब कोई भी मध्यप्रदेश पुलिस के रोजनामचे की कॉपी सूचना के अधिकार में ले सकता है। क्योंकि पुलिस का रोजनामचा भी सूचना के अधिकार कानून के दायरे में आ गया है।
मप्र राज्य सूचना आयोग ने पुलिस लोक सूचना अधिकारी के उस तर्क को खारिज कर दिए हैं, जिनमें उन्होंने रोजनामचे की प्रति देने से इस आधार पर इंकार कर दिया था कि मप्र पुलिस रेगुलेशन के तहत रोजनामचा अप्रकाशित गोपनीय दस्तावेज की श्रेणी में शामिल है।
इसके समर्थन में भारतीय साक्ष्य अधिनियम का हवाला भी दिया गया। सूचना आयुक्त आत्मदीप ने पुलिस की इन दलीलों को खारिज करते हुए आदेश दिया है कि अपीलार्थी मुकेश शर्मा व ओमप्रकाश शर्मा को रोजनामचे की चाही गई जानकारी निशुल्क देने और उसका पालन प्रतिवेदन भेजने के आदेश दिए हैं। यह मामला भिंड का है।
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