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पंडित 'विशाल' दयानंद शास्त्री
तांत्रिक क्रियाओं की दृष्टि से होली का दिन विशिष्ट माना गया है। होली पर्व को तंत्र के अभिचार कर्म का प्रयोग करने के लिए विशिष्ट माना जाता है।
होली की सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर उत्तर दिशा में मुंह करके बैठें। अब सामने किसी बर्तन में चार लघु नारियल व सात लग्न मंडप सुपारी को स्थापित करें। अब कुंकुम चावल से पूजा करके धूप-दीप करें व घी का दीपक जलाएं।
जब तक जप चले तब तक दीपक जलते रहना चाहिए। अब पीली सरसों के दाने उस बर्तन में छिड़कते हुए निम्न मंत्र का जप करें...
मंत्र- क्लीं हौं क्षिप: ऊं स्वाहा
जप कम से कम एक घंटे तक करें। अब शाम को होलिका दहन के वक्त उस सामग्री को आटे को लोई में लपेट कर होलिका में डाल दें। शीघ्र ही आपकी हर समस्या दूर हो जाएगी।
यदि आपके व्यवसाय में लगातार गिरावट आ रही है, तो होली के दिन पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 गोमती चक्र, चांदी का सिक्का व 11 कौड़ियां बांधकर 108 बार ऊं नमो भगवते वासुदेव नमः का जाप कर होली की 11 परिक्रमा करें। बाद में पीछे मुड़कर न देखते हुए सीधे घर में प्रवेश करें और धन रखने के स्थान पर यह समस्त सामग्री एक साथ रख दें। इस प्रयोग से व्यवसाय में प्रगति आती है।
होली के दिन पीले वस्त्रों में काली हल्दी के साथ एक चांदी का सिक्का रखकर धन रखने के स्थान पर रख देने से वर्ष भर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
यदि आपका व्यवसाय मशीनों से संबंधित है, तो आप काली हल्दी को पीसकर केशर व गंगा जल मिलाकर होली के दिन मशीन पर स्वास्तिक बना दें। यह उपाय करने से मशीन व्यवसाय के लिए शुभ होती है और परेशान नहीं करती।
होलिका दहन में घर के सभी सदस्यों को अवश्य ही शामिल होना चाहिए । होलिका दहन में चना, मटर, गेहूं की बालियां या अलसी आदि डालते हुए अग्नि की तीन / सात परिक्रमा करें। इससे घर में शुभता आती है। आज कल स्वाइन फ्लू का कहर है अत: हर व्यक्ति होलिका में थोड़ा कपूर भी अवश्य ही डालें जिससे स्वाइन फ्लू के वायरस भी कम हो सकें ।
होलिका दहन के दिन घर के मुखिया को होलिका में घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक बताशा और एक पान का पत्ता भी अवश्य चढ़ाना चाहिए। तत्पश्चात होली की 3 परिक्रमा करते हुए होली में सूखे नारियल की आहुति देनी चाहिए।. इससे ना केवल सभी कष्ट दूर होते हैं वरन घर में सुख-समृद्धि भी बढ़ती है ।
जिस दिन होली जलनी हो उस दिन सुबह एक साबुत पान पर साबुत सुपारी एवं हल्दी की गांठ रखकर किसी भी मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ाएं और भगवान शिव से योग्य जीवनसाथी के लिए प्रार्थना करें फिर प्रणाम करके वापस आ जाएं पीछे मुड़कर ना देखें यह प्रयोग लगातार 7 दिन तक करें इससे अतिशीघ्र विवाह होने की सम्भावना बड़ जाती है ।
कहते हैं कि होली के दिन रात्रि के 12 बजे के बाद पीपल के नीचे शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए एवं हाथ में सफेद तिल लेकर पीपल की सात परिक्रमा करके धीरे-धीरे इन तिलों को छोडते जाएं। इसके बाद बिना पीपल को छुए प्रणाम करके पीछे देखे बिना ही वापस घर आ जाएं।। ऐसा करने से शीघ्र ही मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
होली के दिन जिस दिन रंग खेलते हैं उस दिन सुबह स्नान के बाद लाल गुलाल लेकर उसे सबसे पहले घर के मंदिर में देवी देवताओं की मूर्ति / चित्र पर लगाएं फिर उस गुलाल के खुले पैकेट में एक चांदी का एक सिक्का रखकर उसे नए लाल कपड़े में कलावा से बांधकर अपनी तिजोरी में रखें, धन लाभ होगा और धन रुकने भी लगेगा।
होलिका दहन के बाद उसकी थोड़ी भस्म जरूर लाएं, उसका टीका किसी महत्वपूर्ण कार्य में जाते हुए पुरुष अपने मस्तक पर और स्त्री अपने गर्दन में लगाएं, कार्यों में सफलता मिलेगी और धन संपत्ति में भी वृद्धि होगी।
होली पर रंग सभी व्यक्तियों को जरूर ही खेलना चाहिए, इससे घर परिवार में प्रेम, सौहार्द्र और सुख का वास होता है। होली पर सबसे पहले ईश्वर को और फिर घर के बड़े बुजुर्गों को रंग लगाकर उनसे आशीर्वाद लेकर ही रंग खेलना शुरू करना चाहिए ।
होली में आपस में वैर भाव मिटा कर खुद पहल करके सभी से साफ मन से गले मिलना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन पहल करके शत्रुता भुलाने से वर्ष भर आप के शत्रु आपसे पराजित होते रहेंगे ।
होली पर अपने घर में आने वाले सभी मेहमानों को कुछ ना कुछ अवश्य ही खिला कर वापस भेजें, इससे भाग्य प्रबल होता है एवं घर में स्थाई लक्ष्मी का वास होता है।
होली के दिन लोग दूसरों के अहित के लिए टोने टोटके बहुत करते हैं और इसके लिए सफेद खाद्य पदार्थों का प्रयोग ज्यादा किया जाता है इसीलिए होलिका दहन वाले दिन सफेद खाद्य पदार्थों का सेवन यथा सम्भव नहीं करना चाहिये।
होलिका दहन के बाद रात में वहां से आग लाकर उससे घर में गोबर के कंडे जलाकर उसमें नारियल की गिरी और गेहूं की बालियां भून कर खानी चाहिए इससे धन,यश और निरोगिता की प्राप्ति होती है ।
पूर्णिमा को होली दहन के दिन रात्रि में चांदी के पात्र में कच्चा दूध डालकर पति पत्नी चन्द्रमा को अर्ध्य अवश्य ही दें, इससे पति-पत्नी के संबंधों में प्रगाढ़ता आती है।
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