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किड जी प्ले स्कूल में 3 साल की मासूम से ज्यादती के मामले में शर्मनाक खुलासा हुआ है। पांच दिन से यह मामला गर्म है, लेकिन पुलिस ने अब तक घटना स्थल का दौरा तक नहीं किया। कहा जा रहा है कि कोलार के तत्कालीन थाना प्रभारी गौरव बुंदेला के करीबी आरोपी अनुतोष प्रताप सिंह को बचाने के लिए पुलिस के ताकतवार अधिकारी दबाव बना रहे हैं। हालांकि अनुतोष की गिरफ्तारी और उसे जेल भेजे जाने के बाद , कोलार टीआई को लाइन अटैच की कार्रवाई कर उनसे तत्काल थाने का प्रभार ले लिया गया।
सूत्रों ने बताया आरोपी अनुतोष प्रताप सिंह को थाने के लॉक अप में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। उसे रात में घर के खाने के अलावा चाय, सोने के लिए अलग बिस्तर दिया गया। बताया जाता है कि आला अफसरों के फरमान के बाद थाने में यह सुविधा दी गई। सुबह भी नाश्ते में पोहा और कॉफी दी गई। इसके अलावा पुलिस उसे आज कोर्ट में पेश किया जहां से उसे 14 मार्च तक की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इस दौरान सुरक्षा को देखते हुए तीन थानों की पुलिस कोर्ट में मौजूद थी। पुलिस को केस से जुडे कई मुद्दों पर पूछताछ करना है। कमजोर विवेचना से आरोपी को लाभ मिल सकता है। पीएचक्यू में महिला शाखा की एडीजी अरुणा मोहन राव ने बताया कि मासूम से यौन शोषण के मामले की रिपोर्ट तलब गई है। वहीं किड जी स्कूल में आज सुबह से ताला लगा हुआ है। साथ ही उस स्कूल संचालिक हिमानी सिंह भी अब मीडिया के सामने आने से बच रही है।
पीड़ित पक्ष का आरोप है इतने दिनों में सबूत मिटाए जा सकते हैं। सबूत मिटाने के बाद पुलिस जाएगी, तो उसे कुछ भी नहीं मिलेगा। जिसका फायदा उसे कोर्ट में दिलाने के बाद विवेचना भी पुलिस कमजोर करेगी।
बताया जाता है इसके बाद ही डीजीपी ने आईजी को इस मामले में आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करने और लापरवाही बरतने वाले संबंधित पुलिसकर्मी के विरुद्ध भी आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे । इसके चलते ही दो दिन से फरार आरोपी अनुतोष को देर रात उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया और कोलार थाना प्रभारी गौरव बुंदेला को लाइन अटैच कर दिया गया।
किड्जी स्कूल के संचालक अनुतोष प्रताप सिंह पर नर्सरी की छात्रा से ज्यादती के आरोप में कोलार पुलिस ने 376 और पॉस्को अधिनियम के तहत सोमवार को एफआईआर दर्ज की थी। पीड़िता की मां का आरोप था कि अनुतोष उनकी बच्ची के साथ अश्लील हरकत करता था। बच्ची से तकलीफ को लेकर पूछने पर उनको इसकी जानकारी लगी थी। इसके बाद ही उन्होंने कोलार पुलिस को लिखित शिकायत की, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की थी। बल्कि आरोपी उनको पुलिस अफसरों की धमकी देकर धमकाता रहा और पुलिस उसे फरार बताती रही।
तीन साल के मासूम के परिजन मंगलवार दोपहर जाकर डीजीपी ऋषी कुमार शुक्ला से जाकर मुलाकत की थी। इसमें उन्होंने सीधे कोलार पुलिस पर आरोप लगाए थे कि प्रभारी कोलार टीआई गौरव बुंदेला आरोपी का करीबी है। जिस कारण मामले में गिरफ्तारी नहीं हो रही है। इस पर डीजीपी ने मामले में निष्पक्ष जांच होने और बच्ची को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया था। उसके बाद डीजीपी ने आईजी योगेश चौधरी से घटना की पूरी जानकारी लेने के बाद आरोपी को गिरफ्तार करने और लापरवाह पुलिस अफसर पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
आरोपी और कोलार थाना प्रभारी के करीबी संबंध सामने आने के बाद पुलिस ने जांच क्राइम ब्रांच को सौंपकर महकमे को आरोपों के घेरे में आने से बचाते हुए निष्पक्ष जांच का हवाला दिया था। बावजूद इसके शाम तक जांच और आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर कुछ भी नहीं किया गया। यहां तक कि पीड़ित मासूम और उसकी मॉं द्वारा बयान देने के लिए नहीं आने की बात तक कही गई। बीती शाम छह बजे के बाद आचानक मामले में यू टर्न आया और रात 11 बजे तक पूरा घटनाक्रम बदल गया। एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा के मुताबिक क्राइम ब्रांच एएसपी रश्मि मिश्रा और एसआई वंदना सिंह ने मासूम बच्ची और उसकी मां के बयान दर्ज कर लिए हैं। बच्ची की मेडीकल रिपोर्ट और सीसीटीपी फुटेज की जांच कर ली गई है। आरोपी अनुतोष प्रताप सिंह को गिरफ्तार करने के साथ ही थाना प्रभारी कोलार गौरव सिंह बुंदेला को लाइन अटैच भी कर दिया गया है।
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