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अरेरा कालोनी में संचालित हो रहे मनरेगा कल्याण संघ द्वारा महात्मा गांधी नरेगा(मनरेगा)में शिक्षिक-शिक्षिका सहित अन्य पदों पर फर्जी भर्ती प्रक्रिया का पुलिस और जिला प्रशासन ने मिलकर भडांफोड़ किया है। हबीबगंज पुलिस ने खुलासा कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों बाकायदा भर्ती प्रक्रिया का विज्ञापन जारी कर यह प्रतियोगियों को नौकरी देने का झांसा देकर रकम वसूली जा रही थी। जिसकी किसी प्रकार की रसीद नहीं दी जा रही थी। पुलिस ने पूरा रिकार्ड जब्त कर आफिस को सील कर दिया है।
हबीबगंज टीआई रविंद्र यादव ने बताया कि मनरेगा के प्रोजेक्ट हेड ने एक शिकायती आवेदन दिया था कि मनरेगा कल्याण संघ के नाम पर कुछ लोग विज्ञापन जारी कर इसमें फर्जी तरीके से भर्ती कर रहे हैं। इसमें लोगों से शुल्क भी वसूल की जा रही है। इसमें किसी प्रकार की कोई रसीद व भर्ती प्रक्रिया बारे में कुछ भी नहीं बताया जा रहा है। इस पर जांच शुरू कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जिनमें ग्राम मलीहा लखनऊ निवासी चंदन कुमार, ग्राम जमुआ मिर्जापुर निवासी अमरनाथ सिंह और जानकीपुरम लखनऊ निवासी राजीव शर्मा को गिरफ्तार किया है। इनमें संचालक सदस्य भी शामिल है।
कलेक्टर के निर्देश पर शनिवार को एसडीएम टीटी नगर अतुल सिंह, तहसीलदार भुवन गुप्ता और मनरेगा प्रभारी आशीष सक्सेना ने जांच करते हुए फर्जी नौकरी देने का खुलासा किया। मनरेगा कल्याण संघ नाम की यह संस्था रजिस्टर्ड मप्र में रजिस्टर्ड ही नहीं है । वह उप्र के बनारस में रजिस्टर्ड है। वह भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन फार्म के लिए वसूल रही 150 रुपए की राशि की रसीद ले रही थी , लेकिन किसी भी आवेदक को रसीद उपलब्ध नहीं करवा रही थी। कुछ आवेदक ने इसका विरोध भी किया था। इनमें से एक ने कलेक्टर को भी शिकायत की थी। इसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी की आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कर ली।
प्रशासनिक अफसरों ने शिकायत पर एक कर्मचारी को विज्ञापन में दिए पते पर नौकरी के लिए भेजा। जब कर्मचारी ने फार्म मांगा तो कार्यालय में बैठे कर्मचारियों ने कहा कि 150 रुपए का फार्म मिलेगा। साथ ही तुरंत भरकर जमा करने की बात कही। कर्मचारी ने जब रसीद मांगी तो वह भी उसे नहीं दी गई। जैसे ही कर्मचारी ने आदेवन जमा करने की यह पूरी कहानी एसडीएम टीटीनगर अतुल सिंह को आकर बता दी। तो उन्हें मामला संदिग्ध लगा और वह मनरेगा प्रभारी आशीष सक्सेना और हबीबगंज पुलिस को साथ लेकर संगठन के कार्यालय पहुंच गए।
संगठन बेरोजगार युवकों से वसूली कर 150 रुपए ले रहा था। नौकरी की आस में सैंकड़ों की संख्या में लोग आवेदन फार्म जमा करने की लाइन में लगे थे। यह खुलासा प्रशासनिक अफसरों ने मौके पर पहुंचने के बाद सामने आया है। प्रतियोगियों में ज्यादातर सागर, शहडोल, विदिशा, सीहोर, रायसेन, राजगढ़ सहित अन्य जिलों के युवक ने अपनी शिकायत दर्ज कराई। अब पुलिस इस मामले में जांच करेगी।
29 जनवरी को कलेक्टर निशांत वरवड़े ने एक समाचार पत्र में मनरेगा मजदूर कल्याण संगठन के नाम से एक विज्ञापन देखा था। जिसमें ई-2 अरेरा कॉलोनी मकान नंबर-174 का पता था। विज्ञापन में मनरेगा शिक्षक-शिक्षिका सहित ब्लॉक क्वार्डिनेटर, जिला क्वार्डिनेटर सहित अन्य पदों में भर्ती के लिए आवेदन मंगवाए गए थे। इन पदों के लिए वेतन 5000 से 7000 रुपए तय किया गया था। विज्ञापन फर्जी नजर आने पर कलेक्टर ने एसडीएम टीटी नगर अतुल सिंह को इसकी जांच करने का निर्देश दिए थे।
एसडीएम अतुल सिंह ने बताया कि कल्याण संगठन के तीन तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कराया गया है। साथ ही संगठन संचालक पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।
हबीबगंज टीआई रविन्द्र यादव ने बताया तीन आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किया है। यह संस्था का कार्यालय बनारस में रजिस्टर्ड है। बाकी पूछताछ जारी है।
Kolar News
5 February 2017
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