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पुलिस परीक्षा में घपले की आशंका
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प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक से लेकर आरक्षक की परीक्षा एक बार फिर सवालों के घेर में आ गई है। 14 हजार से अधिक पदों के लिए हुई इस परीक्षा के परिणाम आने के बाद चार सौ से अधिक परीक्षार्थियों के दस्तावेजों का फिर से परीक्षण किया जा रहा है। गड़बड़ी की आशंका के चलते पीईबी बोर्ड ने यह फैसला लिया है।
प्रदेश में पीएमटी से लेकर कई भर्ती परीक्षाओं में गडबड़ी के लिए व्यापमं को देशभर में भाारी बदनामी झेलनी पड़ी है। यही वजह है कि इसका नाम बदलकर प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड किया गया है। बोर्ड अब हर परीक्षा में फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। जानकारी के मुताबिक  आरक्षक भर्ती परीक्षा में ऐसे भी अभ्यर्थी हैं, जिनका चयन कर तो लिया, लेकिन उनके दस्तावेज का सत्यापन अभी अधूरा है। । आरक्षक के अलावा इसमें प्रधान आरक्षक कम्प्यूटर और सहायक उपनिरीक्षक कम्प्यूटर भी शामिल हैं। यह संख्या करीब 400 चयनित अभ्यर्थियों की है। गौरतलब है कि प्रदेश में इस वर्ष आरक्षकों की पहली बार इतनी बड़ी संख्या में भर्ती हुई है। मध्यप्रदेश पुलिस में सहायक उपनिरीक्षक कम्प्यूटर, प्रधान आरक्षक कम्प्यूटर एवं आरक्षक संवर्ग भर्ती वर्ष 2016 के कुल 14283 पदों पर भर्ती हेतु प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल ने 17 जुलाई  से 09अगस्त तक लिखित परीक्षा ली थी। इसके बाद 19 से 30 सितम्बर तक शारीरिक प्रवीणता परीक्षा एवं ट्रेड टेस्ट का आयोजन किया गया था । इस परीक्षा का परीक्षा परिणाम  प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने 16 दिसंबर को घोषित किया है।  घोषित परिणाम में जिन उम्मीदवारों के परिणाम में अंगुल चिन्ह मिलान न होने व किसी कारण से स्टार साईन अंकित किया गया है। ऐसे उम्मीदवारो का पुलिस मुख्यालय स्तर पर फिर से दस्तावेजों का सत्यापन कराना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए इन सब को सूचना भी भेजी जा रही है। सूत्रों की मानी जाए तो अंगुल चिंह में गड़बड़ी या आशंका पाई जाने पर चयनित अभ्यथर््िायों को बाहर किया जा सकता है। दस्तावेजों के मिलना नहीं होने पर भी यह स्थिति बन सकती है।
 
Kolar News 25 December 2016

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