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भोपाल। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न हो चुका है लेकिन राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान समाचारपत्रों में प्रकाशित हुए इसके विज्ञापन जिनमें इन सभी विभूतियों के चित्र प्रकाशित थे, को लेकर सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के विज्ञापनों के माध्यम से कांग्रेस पर जबर्दस्त हमला बोला है। उन्हाेंने विज्ञापन के बहाने कांग्रेस पार्टी और सांसद राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है।
मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार को स्मार्ट सिटी उद्यान में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मुझे आश्चर्य है कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय अधिवेशन के जो विज्ञापन दिए, उनमें महात्मा गांधी जी का फोटो लगाया। गांधी जी ने कहा था कि कांग्रेस को आजादी के बाद भंग कर देना चाहिए। कांग्रेस ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का फोटो लगाया, जिन्हें चुनाव में हराने का काम कांग्रेस ने किया। कांग्रेस ने अपने राष्ट्रीय अधिवेशन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की फोटो लगाई, जिन्होंने कांग्रेसी छोड़ दी थी और देश की आजादी के लिए प्रभावशाली रास्ता चुना था। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की फोटो लगाई लगाई, जिन्हें कांग्रेस ने हमेशा अपमानित किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने राष्ट्रीय अधिवेशन में सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए जो फोटो लगाएं हैं, उसका उन्हें कोई नैतिक अधिकार ही नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव जी की फोटो लगा ली, जबकि कांग्रेस ने उनका अंतिम संस्कार तक ढंग से नहीं होने दिया था। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि राहुल बाबा, जिनकी "बुद्धि, विवेक और समझ" से पूरा देश परिचित है, उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जी द्वारा लाए गए अध्यादेश की प्रतियां फाड़ दी थीं। अपनी पार्टी की सरकार और देश के प्रधानमंत्री का अपमान कांग्रेस में नया नहीं। सीताराम केसरी का अपमान देश ने देखा है।
उन्होंने कहा कि अपमानित करने के लिए कुख्यात कांग्रेस का कारनामा देखिए, देश के नवनिर्माण को समर्पित विभूतियों को दरकिनार कर जवाहर लाल नेहरू जी और इंदिरा गांधी जी ने स्वयं भारत रत्न ले लिया। जिन विभूतियों का अपमान किया, राजनीतिक लाभ के लिए उनके चित्र चलाना कांग्रेस के नैतिक पतन को दर्शाता है। अपमानित करना कांग्रेस की संस्कृति है। प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जी को इंदिरा जी ने अपमानित करते हुए उनके आवास तीन मूर्ति भवन से बाहर कर दिया था। अपमान भरे शब्द थे "यह आपके (शास्त्री जी) के हिसाब से ज्यादा बड़ा है।"आज शास्त्री जी की फोटो लगाते उन्हें शर्म नहीं आती।
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