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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि धान उपार्जन के लिए निर्धारित अवधि में जो किसान धान नहीं दे पाए हैं, उन शेष रहे किसानों से धान खरीदी जाए। धान उपार्जन में जिन कृषकों का भुगतान लंबित है, उनका त्वरित भुगतान सुनिश्चित करें तथा धान खरीदी में अनियमितता करने वाली सेवा सहकारी समितियों और स्व-सहायता समूहों पर कड़ी कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री चौहान खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के उपार्जन की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में हुई बैठक में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह, आयुक्त सहकारिता आलोक सिंह संचालक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति दीपक सक्सेना तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। जानकारी दी गई कि 6 लाख 46 हजार 279 कृषकों से 9 हजार 427 करोड़ 60 लाख रूपए की धान खरीदी गई, जिसमें से 10 हजार 319 कृषकों को 214 करोड़ 20 लाख रूपए का भुगतान प्रक्रिया में है। प्रदेश में 1542 उपार्जन केन्द्र हैं, जिनमें से 1183 सहकारी समितियाँ, 328 स्व-सहायता समूह और 31 एफ.पी.ओ/एफ.पी.सी. हैं। धान उपार्जन में अनियमितता के लिए 11 संस्थाओं पर एफ.आई.आर दर्ज की गई है। किसानों के आधार लिंक बैंक खाते में सत्यापन के बाद धान उपार्जन का भुगतान किया जा रहा है।
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