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एक बार फिर नजर आ रहा है कि कमलनाथ फ्रंट लाइन पर फाइट नहीं कर सकते। राहुल गांधी के समर्थन में दिग्विजय सिंह दिल्ली में धरने पर बैठे, गिरफ्तारी देने को तैयार है लेकिन स्वयंभू सीएम कैंडिडेट कमलनाथ न केवल अनुपस्थित हैं बल्कि निष्क्रिय भी हैं। दिल्ली में दिग्विजय सिंह की सक्रियता दिखाई दे रही है और कमलनाथ की निष्क्रियता नोट की जा रही है। वे ना तो किसी प्रदर्शन में दिखाई दिए और ना ही गिरफ्तारी में। इतना ही नहीं उनके ट्विटर हैंडल पर राहुल गांधी के समर्थन में दो शब्द तक नहीं हैं। सवाल तो बनता है कि क्या कमलनाथ, राहुल गांधी का समर्थन नहीं करते। क्या कमलनाथ, प्रवर्तन निदेशालय की कार्यवाही को सही मानते हैं और कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन को गलत।
कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। सन 2018 से पहले 40 सालों में कमलनाथ पर किसी ने सवाल नहीं उठाए, क्योंकि कमलनाथ की प्रोफाइल हमेशा गांधी परिवार से अटैच रही है। उनकी अपनी कोई इंडिविजुअल आइडेंटिटी नहीं थी। वह किसी आंदोलन से नहीं जन्मे और ना ही भारत के लिए किसी महान अभियान का हिस्सा थे। अलबत्ता उन्होंने गांधी परिवार की कई समस्याओं का समाधान किया है। यही उनकी पहचान भी है। अब वह मध्य प्रदेश को लीड करना चाहते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश की जनता के लिए धरना प्रदर्शन करना नहीं चाहते। कोई पद यात्रा करना नहीं चाहते। वे दावा करते हैं कि मैं शिवराज सिंह से किसी मामले में कम नहीं हूं लेकिन शिवराज सिंह के बराबर तो दूर की बात उनकी तुलना में 20% सक्रियता भी नहीं दिखा पाते। राउंड टेबल मीटिंग और हॉल में कॉन्फ्रेंस, निश्चित रूप से सिस्टम के लिए अनिवार्य हैं परंतु केवल इतने भर से पूरा प्रदेश तो दूर की बात पूरी पार्टी भी नहीं चला सकती। भारत की राजनीति में नेता का नजर आना बहुत जरूरी है, और कमलनाथ के तो जनता को साप्ताहिक दर्शन भी नहीं हो पाते।
1:30 बजे कमलनाथ ट्विटर पर सक्रिय हुए उन्होंने कहा श्री राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय में पूछताछ के लिए बुलाकर नरेंद्र मोदी सरकार सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक हमले का कार्य कर रही है। एक वह समय था जब अटल बिहारी बाजपेई अस्वस्थ होते थे तो श्री राजीव गांधी उनके लिए सम्मानजनक व्यवस्था करके विदेश में उपचार का प्रबंध करते थे। एक यह समय है जब सरकार विपक्ष के प्रमुख नेता को झूठे मामलों में फंसा कर प्रताड़ित करने की कोशिश कर रही है। लेकिन यह सार्वभौमिक सत्य है कि समय बदलता है और संघर्ष की आंच में तप कर सत्य और निखर जाता है। पूरा देश राहुल जी के साथ है।
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