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भोपाल। प्रदेश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि शोध जीवन की नई रचनाओं के संबंध में दिशा प्रदान करता है। शोध के निष्कर्षों का लाभ उद्योगों को भी मिलना चाहिए।
मंत्री सखलेचा शुक्रवार को रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में दो दिवसीय प्रथम अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालयीन शोध तथा नवाचार महोत्सव ‘‘शोध शिखर-2022’’ का शुभारंभ कर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे ज्ञान-विज्ञान, गणित, चिकित्सा व्यवस्था को पूरी दुनिया ने अपनाया है। कोविड महामारी को भी हमने एक चुनौंति के रुप में लिया है। भारत का पहले वैश्विक अर्थ-व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान था। अब देश को वापस उसी स्थिति में लाना है। आत्म-निर्भर भारत के आहवान से यह संभव है।
उन्होंने कहा कि आज चुनौती यह है कि शोध को उद्योगों से कनेक्ट किया जाए। एक ही विचार का दोहराव न हो। उन्होंने शोधार्थी और विद्यार्थियों को संदेश दिया कि अपनी ऊर्जा का सौ प्रतिशत दें तथा सामूहिक रुप से कार्य कर ही हम आत्म-निर्भर भारत के लक्ष्यों को पा सकेंगे।
सखलेचा ने शोध शिखर की ‘स्मारिका’ का विमोचन और शोध प्रोजेक्ट की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इससे पूर्व उन्होंने रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के अटल इन्क्यूबेशन सेंटर का भ्रमण किया। सेंटर की प्रशंसा करते हुए उन्होंने अपने सुझाव भी दिये।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने आगे की रूपरेखा बताई। इस मौके पर मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. भरत शरण सिंह, रिसर्च फॉर रिसरजेंस फाउंडेशन के महानिदेशक डॉ. राजीव बिनिवाले, आरएनटीयू के कुलाधिपति संतोष चौबे, विज्ञान भारती मध्य भारत के अध्यक्ष अमोघ गुप्ता, डीआरडीओ के वैज्ञानिक गुरूराज राव, आरएनटीयू के प्रो-चांसलर सिद्धार्थ चतुर्वेदी, आरएनटीयू के कुलपति डॉ. ब्रम्ह प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह और शोध शिखर के संयोजक प्रो. वीके वर्मा उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि विज्ञान भारती मध्य भारत प्रांत, एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी, रिसर्च फॉर रिसरजेंस फाउंडेशन, यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम, मध्यप्रदेश काउंसिल फॉर साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी जैसी संस्थाएँ भी इस आयोजन से जुड़ी हुई हैं।
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